Total Users- 663,958

spot_img

Total Users- 663,958

Wednesday, March 12, 2025
spot_img

अमरनाथ यात्रा 2025 : 9 अगस्त से भक्तों को दर्शन देंगे बाबा बर्फानी

भोले के भक्तों के लिए है बड़ी खबर सामने आई है। श्राइन बोर्ड ने अमरनाथ यात्रा की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इस साल की वार्षिकश्री अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से दोनों मार्गों – अनंतनाग जिले के पहलगाम ट्रैक और गंदेरबल जिले के बालटाल से एक साथ शुरू होगी। तीर्थयात्रा 9 अगस्त को रक्षा बंधन के अवसर पर समाप्त होगी। इस बार सरकार और प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधाओं को लेकर खास इंतजाम किए हैं।

जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) की 48 वीं बोर्ड बैठक की अध्यक्षता की। बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं और सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए विभिन्न उपायों और हस्तक्षेपों का प्रस्ताव रखा। श्री अमरनाथ यात्रा-2025 के लिए तीर्थयात्रियों की संभावित बढ़ती आमद को देखते हुए बैठक में जम्मू, श्रीनगर और अन्य स्थानों पर केंद्रों में ठहरने की क्षमता बढ़ाने, ई-केवाईसी के लिए यात्री सुविधा केंद्रों का संचालन, आरएफआईडी कार्ड जारी करने, नौगाम और कटरा रेलवे स्टेशनों सहित कई स्थानों पर तीर्थयात्रियों का मौके पर पंजीकरण करने के उपायों पर चर्चा की गई। इस बात पर भी चर्चा हुई कि आवश्यकतानुसार बालटाल, पहलगाम, नुनवान, पंथा चौक श्रीनगर में भी इन सुविधाओं को उपयुक्त रूप से बढ़ाया जाना चाहिए।

अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक है, जो जम्मू-कश्मीर में स्थित अमरनाथ गुफा तक जाती है। यह गुफा भगवान शिव के प्राकृतिक रूप से बनने वाले बर्फ के शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है। इस यात्रा को करने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं। अमरनाथ गुफा 3888 मीटर (12,756 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है और यहां भगवान शिव का स्वयंभू हिमलिंग (बर्फ से बनने वाला शिवलिंग)प्रकट होता है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने मां पार्वती को यहीं अमरत्व का रहस्य (अमर कथा) सुनाया था, जिसे एक कबूतर के जोड़े ने भी सुन लिया और वे अमर हो गए। इसलिए, इसे अमरनाथ कहा जाता है।

शिवलिंग श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में पूर्णिमा के दिन अपने पूर्ण आकार में होता है और फिर धीरे-धीरे पिघलने लगता है। यात्रा के लिए दो मुख्य मार्ग हैं। बालटाल मार्ग श्रीनगर से करीब 95 किमी दूर बालटाल से शुरू होता है। तेज चढ़ाई और संकरी पगडंडी होने के कारण यह कठिन है, लेकिन एक दिन में यात्रा पूरी हो सकती है। पहलगाम मार्ग थोड़ा आसानहै और अधिकतर तीर्थयात्री इसी मार्ग को चुनते हैं। इसे पूरा करने में 3-5 दिनलगते हैं। यात्रा घोड़े, पालकी या हेलीकॉप्टर से भी की जा सकती है।

यात्रा के लिए ज़रूरी बातें
यात्रा के लिए पहले सेऑनलाइन या बैंक के माध्यम से पंजीकरण कराना जरूरी है। ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी के कारण स्वस्थ्य प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है। जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा जारी यात्रा परमिट लेना ज़रूरी होता है। अमरनाथ यात्रा के दौरान शेषनाग झील, महागुणस टॉप और पंचतरणी के भी विशेष दर्शन किए जाते हैं।

More Topics

रायपुर में सड़क हादसों की बढ़ती संख्या: सड़कों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल

रायपुर में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े