इंस्टाग्राम ने हाल ही में वीडियो की क्वालिटी को कम करने का फैसला लिया है, जिसका उद्देश्य यूज़र एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना और प्लेटफॉर्म की स्टोरेज को अधिक प्रभावी तरीके से मैनेज करना है। इंस्टाग्राम का कहना है कि यह बदलाव खासकर उन क्षेत्रों में सहायक होगा जहां इंटरनेट की स्पीड कम है, क्योंकि इससे वीडियो की लोडिंग और बफरिंग टाइम में कमी आएगी।
कंपनी का मानना है कि व्यूज के हिसाब से वीडियो की क्वालिटी में बदलाव होगा। जो वीडियो ज्यादा व्यूज लाते हैं, उनकी क्वालिटी हाई रहेगी, जबकि जिन पर कम व्यूज होते हैं, उनकी रेजोल्यूशन को कम किया जाएगा। बाद में यदि वीडियो पर व्यूज बढ़ते हैं, तो इसकी क्वालिटी को फिर से बेहतर किया जाएगा।
हालांकि, कंटेंट क्रिएटर्स और इंफ्लुएंसर्स को इस बदलाव से परेशानी हो सकती है, क्योंकि इससे उनके वीडियो की क्वालिटी पर असर पड़ सकता है। छोटे क्रिएटर्स को इससे नुकसान नहीं होगा, क्योंकि कंपनी का मानना है कि यूज़र एंगेजमेंट और कंटेंट की क्वालिटी ज्यादा मायने रखती है, न कि वीडियो की बिटरेट क्वालिटी।
यह बदलाव यूज़र्स को इंटरनेट की कम स्पीड वाले क्षेत्रों में वीडियो देखने में सहूलियत देगा, लेकिन बड़े क्रिएटर्स के लिए यह चिंता का विषय बन सकता है।