fbpx

Total Users- 620,033

spot_img

Total Users- 620,033

Wednesday, February 5, 2025
spot_img

व्यंग : सनसनीखेज झूठी खबर : केंद्र सरकार “मनरेगा” की तर्ज़ पर “मरेगा” स्कीम चालू करेगी तभी भ्रष्टाचार पर लगाम लगा पायेगी


"मनरेगा " योजना में बहुत अधिक भ्रष्टाचार की खबरें आये दिन आती रहती हैं . इसमें होने
वाली भ्रष्टाचार से निजात पाने के लिये केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल
निशंक ने मोदीजी से आशीर्वाद लेकर  . 'मनरेगा' की तर्ज पर 'मरेगा' नीति बनाने का फैसला किया है। मरेगा नीति की जानकारी देते हुए श्री निशंक ने बताया कि गांव की बेरोजगार जनता को साल के न्यूनतम 100 दिन काम देकर बदले में उन्हें पैसा दिया जाता है। उस स्कीम के भ्रष्टाचार
में लगाम के लिये  ,उस नीति के ठीक विपरीत 'मरेगा' नीति बनानी पड़ेगी। उनके अनुसार विभाग के उत्कृष्ट आला अफसरों को 25 दिन गांव के लोगों का काम देखने व विश्लेषण के लिये गांव के भीतर जाना होगा। सामान्य काम करने वाले अधिकारियों के लिए 50 दिन तथा कम काम व आलस्य करने
वाले अधिकारियों के लिए यह सीमा 100 दिन की होगी। जिस तरह 'नरेगा' में मास्टर रोल बनाकर काम की प्रगति की रिपोर्ट बनायी जाती है। उसी तरह 'मरेगा' में भी अधिकारी की उपस्थिति तथा काम की रोजाना प्रोग्रेस रिपोर्ट बनाने कहा जायेगा। 'मरेगा' स्कीम में अधिकारी को पहले से ही कार्य का प्रोग्राम एक शेड्‌यूल देना होगा,  जिसका दूसरा अधिकारी कम्प्यूटर पर विश्लेषण करेगा। क्योंकि हर अधिकारी के नाम की जगह कम्प्यूटर जनरेटेड कोड होंगे, इसलिए वह अधिकारी अपनी सिफारिश या सांठगांठ भी नहीं कर पायेगा। श्री निशंक के अनुसार अपने क्षेत्र के काम की खराब प्रोग्रेस रिपोर्ट फार्म भरने वाला अधिकारी मरेगा। यानि उस पर पेनाल्टी, प्रमोशन में रोक निलम्बन या नौकरी से बर्खास्तगी की जा सकती है। इसलिए स्कीम का नाम मरेगा रखा है। जब हमने एक उच्चाधिकारी से इस स्कीम के बारे में चर्चा की तो उन्होने कहा, ऐसी स्कीम बनाने में कोई भी अधिकारी श्री निशंक की मदद नही किया। श्री निशंक ने यदि ज्यादा दबाव डाला, तो वह खुद मरेगा। यानि अगले चुनाव में स्वयं या उनका कोई भी साथी चुनाव नहीं जीत पायेगा।
इंजी . मधुर चितलांग्या , संपादक
दैनिक पूरब टाइम्स

  { मनरेगा ( महत्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी नीति)  को “एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, जिसके लिए प्रत्येक परिवार के वयस्क सदस्यों को अकुशल लेबर का काम देने के लिए सरकार ने निश्चय किया था।” मनरेगा का ग्रामीण क्षेत्रों में एक और उद्देश्य रहा है , टिकाऊ संपत्तियां (जैसे सड़कों, नहरों, तालाबों, कुओं) का निर्माण कर, आवेदक के निवास के 5 किमी के भीतर रोजगार उपलब्ध कराया जाना और न्यूनतम मजदूरी का भुगतान करना । जब काम तय किया जाता है और यदि आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर काम नहीं दिया जाता है, तो आवेदक बेरोजगारी भत्ता के हकदार हो जाता है। इस प्रकार से , मनरेगा के तहत, जीवन यापन व भरण- पोषण के लिये, रोजगार एक कानूनी हक है।}

More Topics

इंदिरा विहार:छत्तीसगढ़ का पहला बंदर सुविधा केंद्र और पर्यटन स्थल

इंदिरा विहार: रायगढ़ का अद्भुत वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन...

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए 6 फूड्स

कमजोर इम्यूनिटी अक्सर बार-बार बीमारियों का कारण बनती है।...

YouTube ने नए फीचर्स से यूजर्स का अनुभव किया और बेहतर

ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म YouTube ने 2025 के नए...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े