भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में प्राइवेट इक्विटी (पीई) निवेश 2024 में 32% की वृद्धि के साथ 4.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि के पीछे मुख्य रूप से वेयरहाउसिंग और रेजिडेंशियल सेक्टर की मजबूत मांग रही है।
वेयरहाउसिंग का दबदबा
- वेयरहाउसिंग सेक्टर ने 2024 में पीई निवेश का 45% हिस्सा हासिल किया, जो इसे इस साल का सबसे बड़ा निवेश क्षेत्र बनाता है।
- ऑफिस सेक्टर को पीछे छोड़ते हुए यह सेक्टर भारतीय रियल एस्टेट में तेजी से महत्वपूर्ण होता जा रहा है।
रेजिडेंशियल सेक्टर में दोगुनी वृद्धि
- रेजिडेंशियल सेक्टर में पीई निवेश 104% बढ़कर 1.2 अरब डॉलर हो गया।
- यह आंकड़ा निवेशकों के इस क्षेत्र पर बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
प्रमुख शहरों में निवेश
- मुंबई:
- कुल पीई निवेश का 50% हिस्सा।
- 74% निवेश वेयरहाउसिंग सेक्टर में (1.5 अरब डॉलर)।
- रेजिडेंशियल सेक्टर में 406 मिलियन डॉलर का निवेश।
- बेंगलुरु:
- 833 मिलियन डॉलर का पीई निवेश।
- 52% निवेश ऑफिस सेक्टर में (430 मिलियन डॉलर)।
- 48% निवेश रेजिडेंशियल सेक्टर में (403 मिलियन डॉलर)।
निवेश प्रवृत्ति में बदलाव
रिपोर्ट के अनुसार, 2017 से ऑफिस सेक्टर पीई निवेश का सबसे बड़ा क्षेत्र रहा था। लेकिन 2024 में वेयरहाउसिंग सेक्टर ने इसे पीछे छोड़ दिया। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि रियल एस्टेट निवेश में प्राथमिकताएं बदल रही हैं।
निष्कर्ष:
भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में 2024 का वर्ष विकास और बदलाव का रहा है। वेयरहाउसिंग और रेजिडेंशियल सेक्टर की बढ़ती मांग ने निवेश के परिदृश्य को नया आयाम दिया है, जिससे यह क्षेत्र निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।