रायपुर। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस का राज्य स्तरीय आयोजन होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जमुई बिहार से वर्चुअल रूप से जुड़कर इस समारोह का शुभारंभ करेंगे और पीएम जनमन योजना में शामिल हितग्राहियों से चर्चा करेंगे।
आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि कार्यक्रम का लाईव प्रसारण पीएम जनमन योजना में शामिल जिलों में दो तरफा संवाद एवं शेष जिलों में केबल प्रसारण की व्यवस्था की जा रही है। इस मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में केंद्र व राज्य के मंत्री, सांसद, विधायक तथा पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और उनके वंशजों का होगा सम्मान
जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन में स्थानीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान एवं उनके वंशजों को सम्मानित किया जाएगा। पीएम जनमन एवं ’’धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’’ के तहत ग्राम स्तर, विकासखंड स्तर एवं जिला स्तर पर योजनाओं का प्रचार-प्रसार के साथ ही 15 से 26 नवंबर तक सभी चयनीत गांवों में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जाएगा। विशेष ग्राम सभा में वन अधिकार अधिनियम, पेसा अधिनियम, सतत् विकास लक्ष्य का पंचायत स्तर पर स्थानीयकरण एवं गौरवशाली जनजातीय इतिहास के बारे में चर्चा की जाएगी।
इसके साथ ही जिला स्तर, विकास खण्ड स्तर और छात्रावास-आश्रमों एवं प्रमुख स्थानों पर निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया जाएगा। आश्रम, छात्रावास, एकलव्य विद्यालय के छात्र-छात्राओं के बीच खेलकूद, निबंध, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी, छात्रवृत्ति संबंधी जागरूकता, कैरियर काउंसलिंग, चित्रकारी भाषा एवं जागरूकता रैली का आयोजन भी होगा।
रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में होगी राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस
रायपुर स्थित साइंस कॉलेज मैदान में 14 और 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस का राज्य स्तरीय आयोजन भव्य रूप से किया जाएगा। इस आयोजन में आदिवासी गौरव पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जो सुबह 11 बजे से लेकर रात 8 बजे तक चलेगा। इन कार्यक्रमों में विषय विशेषज्ञों के साथ-साथ कई राज्यों के आदिवासी कलाकार और आदिवासी कला-संस्कृति के मर्मज्ञ भी शामिल होंगे।
जनजातीय गौरव दिवस के इस दो दिवसीय आयोजन को और भी यादगार और भव्य बनाने के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विशेष रूप से देश के विभिन्न राज्यों से आदिवासी नर्तक दलों और कलाकारों को आमंत्रित किया जा रहा है। अब तक 18 राज्यों के 22 आदिवासी नृत्य दलों ने इस आयोजन में भाग लेने की सहमति दी है। इनमें अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, असम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों के आदिवासी नृत्य दल शामिल हैं। इन दलों में लगभग 425 पुरुष और महिला कलाकार शामिल होंगे।