महाराष्ट्र की राजनीति गड़बड़ है। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद लोगों को स्पष्ट चित्र दिखाया जाएगा।महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की तारीखें अभी घोषित नहीं की गई हैं। महाराष्ट्र की 288 सीटों का शेड्यूल भी चुनाव आयोग की नई दिल्ली में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी किया जाएगा, लेकिन अभी सिर्फ जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव चल रहे हैं।मुख्य चुनाव आयुक्त ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की वजह बताई। साथ ही कहा कि मानसून की भारी बारिश के कारण महाराष्ट्र में मतदाता सूची को अपडेट करने में देरी हुई है। आने वाले दिनों में गणेशोत्सव, पितृ पक्ष और दिवाली जैसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक समारोह होंगे। इसलिए चुनाव नहीं हुए हैं।हालाँकि, इससे पहले ही महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। भाजपा को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा जब भंडारा से पूर्व सांसद शिशुपाल पटले ने कांग्रेस का दावा किया।
एक्शन में महाविकास अघाड़ी, मुंबई में बैठक शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस ने मुंबई में एक समझौता किया। इस बीच, उद्धव ठाकरे ने सीएम फेस पर कहा कि मैं शरद पवार को सीएम बनाने का समर्थन देंगे।
महाराष्ट्र की राजनीति, जो अब एक राजनीतिक खिचड़ी बन गई है, आज बहुत उलझन में है। भागों में टूट गया। जब एक धड़ा विरोध में है, तो दूसरा सत्ता में हैहालाँकि, इससे पहले ही महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। भाजपा को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा जब भंडारा से पूर्व सांसद शिशुपाल पटले ने कांग्रेस का दावा किया।
एक्शन में महाविकास अघाड़ी, मुंबई में बैठक शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस ने मुंबई में एक समझौता किया। इस बीच, उद्धव ठाकरे ने सीएम फेस पर कहा कि मैं शरद पवार को सीएम बनाने का समर्थन देंगे।
महाराष्ट्र की राजनीति, जो अब एक राजनीतिक खिचड़ी बन गई है, आज बहुत उलझन में है। भागों में टूट गया। जब एक धड़ा विरोध में है, तो दूसरा सत्ता में हैमहाराष्ट्र में 288 सीटें हैं। अक्टूबर 2019 में पिछली बार चुनाव हुए थे। बाद में भाजपा और शिवसेना ने चुनाव लड़ा था। कांग्रेस और एनसीपी ने उनका विरोध किया।भाजपा और शिवसेना ने चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद भी सरकार नहीं बना पाई। बाद में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी (MVA) बनाया, जिसके बाद उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने। भाजपा को सबसे बड़ा दल होने के बावजूद विपक्ष में रहना पड़ा।महाराष्ट्र की सत्ता में जून 2022 में उस समय बड़ी हलचल शुरू हुई जब एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थक विधायकों को लेकर बगावत कर दी। बगावत के 10 दिनों के भीतर उद्धव ठाकरे ने शिंदे को पार्टी से निकाल दिया, जिसके कारण महाराष्ट्र में MVA सरकार गिर गई। शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई। 30 जून 2022 को शिंदे मुख्यमंत्री बने और देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया। इसके बाद 16 बागी विधायकों की अयोग्यता का केस विधानसभा स्पीकर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला। कुछ दिन बाद एनसीपी में ऐसी ही बगावत हो गई। अजित पवार एनसीपी को तोड़कर सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया। शिवसेना की तरह एनसीपी में भी असली-नकली की लड़ाई