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Friday, December 27, 2024

असम में शराब की कीमतों में कमी: 17 अगस्त के फैसले के बाद नया कर ढांचा

असम आबकारी विभाग ने 17 अगस्त को एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसके तहत राज्य में 1 सितंबर 2024 से शराब की कीमतों में कटौती की जाएगी। इस निर्णय के तहत, भारत में उत्पादित विभिन्न प्रकार के मादक पेय पदार्थों—जिनमें बीयर, वाइन, ब्रांडी, रम, रेडी-टू-ड्रिंक, और विदेशी शराब शामिल हैं—पर करों में समायोजन किया गया है। यह कीमतों में कटौती पिछले मार्च में की गई बढ़ोतरी के बाद की गई है, जिसका उद्देश्य राज्य के राजस्व को बढ़ाना था, जो असम की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

संशोधित कर ढांचा: शुल्क और मूल्य समायोजन

नए कर ढांचे के अनुसार, विभिन्न प्रकार की शराब पर शुल्क और न्यूनतम मूल्य सीमाएँ अब शराब के प्रकार और कीमत के आधार पर निर्धारित की जाएंगी। इस बदलाव का उद्देश्य मूल्य समायोजन के माध्यम से शराब की उपलब्धता को बेहतर बनाना और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करना है।

  1. ड्राफ्ट बीयर: 5% अल्कोहल सामग्री वाली ड्राफ्ट बीयर पर 0.57 गुना मूल्य शुल्क लगेगा। इस बदलाव से 650 मिलीलीटर की बोतल पर 34 रुपये की कमी आएगी।
  2. भारतीय निर्मित स्पिरिट्स: 360 रुपये प्रति बोतल से कम मूल्य वाले भारतीय स्पिरिट्स की 750 मिलीलीटर बोतल पर 144 रुपये की कमी होगी, क्योंकि मूल्यांकन मूल्य 1.21 गुना बढ़ाया गया है।
  3. लक्जरी ब्रांड्स: 360 से 500 रुपये के बीच मूल्य वाले लक्जरी ब्रांड की 750 मिलीलीटर बोतल पर 166 रुपये की कमी होगी। इसके अतिरिक्त, 500 से 700 रुपये के बीच मूल्य वाले ब्रांड की बोतल पर 214 रुपये की कमी आएगी, क्योंकि मूल्यांकन मूल्य क्रमशः 1.08 और 1.06 गुना मूल्यवर्धित शुल्क के आधार पर तय किया गया है।

निर्णय का उद्देश्य और प्रभाव

यह निर्णय असम की अर्थव्यवस्था में शराब करों के योगदान को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। राज्य सरकार ने मार्च में शराब करों में बढ़ोतरी की थी, जिसका उद्देश्य राजस्व में वृद्धि करना था। अब, कीमतों में कटौती से उम्मीद की जा रही है कि यह राज्य के राजस्व को संतुलित करने में मदद करेगी और उपभोक्ताओं को वित्तीय राहत प्रदान करेगी।

इस निर्णय से न केवल शराब की कीमतों में कमी आएगी, बल्कि यह स्थानीय व्यापार और बाजार में भी सकारात्मक प्रभाव डालने की संभावना है। उपभोक्ताओं को अब कम कीमतों पर शराब मिल सकेगी, जिससे उनकी खरीददारी की क्षमता में वृद्धि होगी।

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