चंडीगढ़, 4 मार्च: पंजाब पुलिस ने मंगलवार को किसानों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में ले लिया। चंडीगढ़ में 5 मार्च को प्रस्तावित प्रदर्शन से पहले किसान नेताओं पर की गई इस कार्रवाई से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। हिरासत में लिए गए नेताओं में बलबीर सिंह राजेवाल, बलवंत सिंह महाराज, जरनैल सिंह कालके और अशोक भारती शामिल हैं। वहीं, KMM के नेता दिलबाग सिंह गिल को घर में नजरबंद कर दिया गया है।
विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना
पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए कहा, “महाराजा सतोज, अपना होश गंवा बैठा। समां हुआ 5 बजे का, दिन-दहाड़े शराब ले बैठा।” विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है।
पंजाब के किसान लामबंद, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन जारी
पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन मंगलवार को 99वें दिन में प्रवेश कर गया। अनशन के 100 दिन पूरे होने पर 5 मार्च को खनौरी बॉर्डर पर 101 किसान एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे। इसी प्रदर्शन को रोकने के लिए पंजाब पुलिस ने पहले ही कई किसान नेताओं पर कार्रवाई कर दी है।
आगे पढ़ेफरीदकोट और संगरूर में भी पुलिस की छापेमारी
पुलिस ने फरीदकोट में पाल सिंह गोलियाआला और गुरजीत सिंह मोगा को गिरफ्तार किया है। भारतीय किसान यूनियन दोआबा के सूबा प्रधान मनजीत सिंह राय समेत सात अन्य नेताओं को नजरबंद किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, संगरूर में भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर उगराहां के घर भी पुलिस पहुंची, लेकिन वह वहां मौजूद नहीं थे। किसानों पर कार्रवाई के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने लुधियाना में आपात बैठक बुलाई है।
CM भगवंत मान के साथ बैठक में हुआ विवाद
सोमवार को चंडीगढ़ के पंजाब भवन में किसानों (SKM राजनीतिक के 40 नेताओं) और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के बीच बैठक हुई थी। बैठक के दौरान बहस के बाद मुख्यमंत्री मीटिंग छोड़कर चले गए, जिससे किसानों में नाराजगी फैल गई। किसानों ने मंगलवार को इस मुद्दे पर बैठक बुलाई थी, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया।
किसानों की प्रमुख मांगें
- मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
- किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी मिले।
- सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बने।
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार कीमत तय की जाए।
- किसान और खेत मजदूरों का कर्ज माफ किया जाए और उन्हें पेंशन दी जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को फिर से लागू किया जाए।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये दिहाड़ी मिले।
- नकली बीज, कीटनाशक और खाद बेचने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
- मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
- संविधान की 5वीं सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट रोकी जाए।
पंजाब में किसानों का विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है, वहीं पुलिस की इस कार्रवाई से स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है। 5 मार्च को होने वाले प्रदर्शन के मद्देनजर अब सभी की नजरें किसानों और प्रशासन की अगली रणनीति पर टिकी हैं।
show less