महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त भारी उथल-पुथल मची हुई है। बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड (Santosh Deshmukh Murder Case) में नाम जुड़ने के बाद राज्य के मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके निजी सहायक प्रशांत जोशी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सरकारी आवास पहुंचकर इस्तीफा सौंपा, जिसे सीएम ने राज्यपाल को भेज दिया।
हत्या से पहले हैवानियत की हदें पार
सोशल मीडिया पर वायरल चार्जशीट के मुताबिक, इस हत्याकांड में आरोपियों ने बर्बरता की सारी सीमाएं लांघ दीं। सरपंच संतोष देशमुख को पहले निर्वस्त्र किया गया, लोहे की रॉड से पीटा गया और यहां तक कि उन पर पेशाब तक किया गया।
धनंजय मुंडे के करीबी का नाम आया सामने
बीजेपी के बूथ प्रमुख और बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में मुख्य आरोपी वाल्मिक कराड है, जिसका धनंजय मुंडे से गहरा संबंध बताया जा रहा है। दोनों की कई तस्वीरें भी सामने आईं, जिससे विवाद और गहरा गया। इसके बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मुंडे से इस्तीफा देने को कहा।
CID जांच और अजित पवार की भूमिका
मामले की गंभीरता को देखते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार रात सीएम फडणवीस से मुलाकात कर सीआईडी जांच और आरोपपत्र पर चर्चा की। CID द्वारा दाखिल चार्जशीट में वाल्मिक कराड को हत्या का मास्टरमाइंड बताया गया है। कराड ने Avaada नामक रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी के भूमि अधिग्रहण अधिकारी से 2 करोड़ की फिरौती मांगी थी। जब संतोष देशमुख ने इसका विरोध किया, तो उनकी हत्या की साजिश रची गई।
आगे पढ़ेNCP नेताओं और समाज के बढ़ते दबाव के बाद इस्तीफा
सरपंच संतोष देशमुख मराठा समाज से थे, जबकि हत्या के आरोपी वंजारी समाज से हैं। इस हत्याकांड के बाद मराठा समाज में आक्रोश फैल गया, जिससे राजनीतिक माहौल गरमा गया। एनसीपी के अजीत पवार, शरद पवार समेत कई भाजपा विधायकों ने मुंडे से इस्तीफे की मांग की।
मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल और सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने भी इस मामले में आंदोलन किया, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ता चला गया। यही कारण है कि धनंजय मुंडे को आखिरकार अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
हत्याकांड बना महाराष्ट्र की राजनीति का केंद्र बिंदु
इस हत्याकांड ने महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है। बीड लोकसभा क्षेत्र में यह मुद्दा सबसे ज्यादा गरमाया हुआ है, जहां पंकजा मुंडे की हार हुई थी और एनसीपी शरद गुट के बजरंग सोनवणे विजयी हुए थे।
अब देखना यह होगा कि इस हत्याकांड में आगे क्या खुलासे होते हैं और धनंजय मुंडे की राजनीतिक स्थिति पर इसका क्या असर पड़ता है।
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