केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति दी है, जिसे दिल्ली शराब घोटाला केस से जोड़ा गया है। इस मामले में केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह तर्क दिया कि ED ने उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकरण से अनुमति नहीं ली।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का हवाला दिया था, जिसमें यह कहा गया था कि प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत सीबीआई को सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है, उसी प्रकार PMLA के तहत ED को भी यह अनुमति प्राप्त करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को सही ठहराया था और कहा था कि यह प्रावधान PMLA मामलों में भी लागू होता है।
आगे पढ़ेसीआरपीसी की धारा 197(1) का संदर्भ देते हुए, यह कहा जाता है कि किसी लोकसेवक के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सक्षम प्राधिकरण की अनुमति आवश्यक है। इस धारा के अनुसार, अगर किसी लोकसेवक का अपराध उसके आधिकारिक कर्तव्यों से जुड़ा हो, तो सक्षम प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त करना जरूरी है।
अब यह देखना होगा कि दिल्ली हाई कोर्ट ED को दी गई अनुमति को किस तारीख से मान्यता देती है और क्या यह तकनीकी आधार पर केजरीवाल के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट को रद्द करने का कारण बन सकती है।
show less