उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गांव के पास सीमा सड़क संगठन (BRO) के शिविर में शुक्रवार सुबह भीषण हिमस्खलन हुआ। इसके बाद से ही बचाव कार्य तेजी से जारी है। शनिवार तक 47 श्रमिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि 8 श्रमिकों की तलाश युद्धस्तर पर की जा रही है।
हवाई बचाव अभियान पर जोर
भारी बर्फबारी के कारण सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया है, जिससे बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। अधिकारियों ने अब हवाई बचाव अभियान पर ध्यान केंद्रित किया है। भारतीय वायु सेना (IAF) ने दो MI-17 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। एक हेलीकॉप्टर जोशीमठ के सेना अस्पताल में बचाए गए श्रमिकों को पहुंचा चुका है, जबकि दूसरा अभियान जारी रखे हुए है।
150 से अधिक कर्मी जुटे राहत कार्य में
भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की 150 से अधिक कर्मियों की टीमें बर्फ में फंसे लोगों को खोजने और बचाने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने की प्रधानमंत्री से बातचीत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बचाव अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत कर उन्हें बचाव कार्य की जानकारी दी। पीएम मोदी ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
हिमस्खलन से 8 कंटेनर और 1 झोपड़ी दबी
हिमस्खलन में 8 कंटेनर और 1 झोपड़ी पूरी तरह दब गई, जहां सड़क निर्माण में लगे श्रमिक रह रहे थे। प्रभावित क्षेत्र में 7 फीट तक बर्फ जम गई, जिससे बचाव कार्य में कठिनाइयाँ बढ़ गई हैं।
फंसे हुए श्रमिक उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।