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Thursday, November 14, 2024

छ.ग. का उच्च शिक्षा विभाग भ्रष्टाचारियों द्वारा अधिकृत की गई फर्जी सर्टिफिकेट बेचने की दुकान,छत्तीसगढ़ में भी अनेक “निजी विश्वविद्यालय हैं क्या” ?

पूरब टाइम्स , रायपुर . पिछले दिनों , राजस्थान के अनेक निजी विश्व विद्यालयों से फर्ज़ी डिग्री के रैकेट का भंडाफोड़ हुआ . इसी तरह के अनेक मामले , मध्यप्रदेश , हिमांचल, बिहार व दिल्ली में भी सामने आये हैं जिसमें फर्ज़ी डिग्री के आधार पर अनेक लोग सरकारी नौकरी करते हुए पकड़ाई गये . सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में भी अनेक निजी विश्व विद्यालयों का कार्यव्यवहार संदिग्ध है, जिन पर निजी विश्व विद्यालय नियामक आयोग कोई कड़ी कार्यवाही , दंड तथा बंद करने का निर्देश नहीं दे रहा है . जानकारी यह भी है कि अनेक निजी विश्व विद्यालय अपने यहां के छात्रों की अनेक सालों से पूरी जानकारी , निजी विश्व विद्यालय नियामक आयोग को नहीं दिये है . यह उन निजी विश्व विद्यालयों को पुरानी तारीखों में फर्ज़ी डिग्री देने का मौका दे देता है . अनेक दूसरे राज्यों में सरकारी एजेंसीज़ ने जांच कर भांडा फोड़ किया है परंतु हमारे प्रदेश में अभी तक अनेक शिकायतों के बावजूद स्पष्टता से निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने कोई कदम नहीं उठाया है . आशा है अनेक समाज सेवकों के अनुरोध पर छापी जानी वाली इस खबर पर सचिव एवं आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग उचित कार्यवाही करेंगे . पूरब टाइम्स की एक रिपोर्ट …

वर्तमान में बड़ी संख्या में लोग निजी विश्वविद्यालय से सर्टिफिकेट खरीद कर सरकारी नौकरी हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं . जो लोग सरकारी नौकरी के लिए शासकीय विश्वविद्यालय का सहारा लेकर शैक्षणिक योग्यता प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें निजी विश्वविद्यालय के मान्यता के संबंध में जानकारी लेने की जरूरत पड़ रही है क्योंकि एक जन सामान्य सोच है कि निजी विश्वविद्यालय फर्जी सर्टिफिकेट देते हैं जिनकी शासकीय नौकरियों में मान्यता नहीं है . व्यावहारिक तौर पर यह सोच सही भी है क्योंकि निजी विश्वविद्यालय के संबंध में कोई भी ऐसी पुष्टिगत जानकारी देने की कार्यवाही शासन द्वारा नहीं की गई है जो यह प्रमाणित करें कि निजी विश्वविद्यालय की सर्टिफिकेट शासकीय नौकरी के लिए मान्यता रखते हैं . जैसे-जैसे शासन नौकरी के विज्ञापन निकलता जायेगा वैसे-वैसे निजी विश्वविद्यालय की मान्यता संबंधित जानकारी लेने की उत्सुकता बढ़ेगी और निजी विश्वविद्यालय के कुलपति को अपने विश्विद्यालय की मान्यता संबंधित जानकारी जन सामान्य के जानकारी में लाकर पारदर्शिता बनाने की जिम्मेदारी सुनिश्चित करवाने की मजबूरी बढ़ेगी ।

व्यक्तिगत तौर पर किए गए निजी सर्वे में यह जानकारी सामने आ रही है कि, छत्तीसगढ़ के अधिकांश निजी विश्वविद्यालय के पास विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मान्यता प्रदान किए जाने संबंधी दस्तावेजों का अभाव है और अगर ऐसे दस्तावेज निजी विश्वविद्यालय के पास है जो कि यह प्रमाणित करते हैं कि, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग उन्हें मान्यता प्रदान करता है तो विडंबना यह है कि ऐसे दस्तावेज प्रमाण को निजी विश्वविद्यालय ने सार्वजनिक नहीं किया है और ऐसी विडंबनापूर्ण  स्थिति के कारण छत्तीसगढ़ शासन का उच्च शिक्षा विभाग निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के कार्य प्रणाली मामले में सीधे प्रश्नांकित हो रहा है और छत्तीसगढ़ की उच्च शिक्षण व्यवस्था अनायास बदनाम हो रही है जिसके लिए सचिव उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन सीधे तौर पर जिम्मेदार है

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