नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को चार धाम यात्रा पर बड़ा फैसला लिया। केंद्रीय कैबिनेट ने केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोप-वे के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर तक जबकि गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक 12.4 किलोमीटर तक रोपवे निर्माण की परियोजना को मंजूरी प्रदान कर दी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि दोनों ही परियोजनाओं पर कुल 6,811 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अकेले सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे परियोजना पर 4,081.28 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन दोनों महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण की समय सीमा 4 से 6 साल है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) के निर्णयों की घोषणा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की।
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण डीबीएफओटी मोड (Design, Build, Finance, Operate and Transfer) पर किया जाएगा। रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित करने की योजना है। यह रोपवे सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर आधारित होगा। इस रोपवे की क्षमता प्रति घंटे हर ओर से 1,800 यात्रियों को ले जाने की होगी। इससे हर दिन लगभग 18 हजार यात्री सफर कर सकेंगे।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब जी तक रोपवे परियोजना को भी डीबीएफओटी मोड पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना की कुल लागत 2,730.13 करोड़ रुपये होगी। मौजूदा वक्त में हेमकुंड साहिब जी की यात्रा गोविंदघाट से 21 किलोमीटर की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई है। इसे पैदल या टट्टू या पालकी द्वारा तय किया जाता है। यह परियोजना गोविंदघाट और हेमकुंड साहिब जी के बीच सभी मौसम में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।