खाद्य अभाव पर नज़र रखने के लिए एकीकृत सुरक्षा चरण वर्गीकरण (Integrated Security Phase Classification / IPC) नामक पैमाने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें खाद्य असुरक्षा को पाँच चरणों में विभाजित किया गया है.
पाँचवे चरण में खाद्य असुरक्षा की स्थिति सबसे ख़राब होती है, और विनाशकारी हालात या अकाल में बड़ी संख्या में मौतें होने की आशंका बढ़ जाती है.
इसकी अकाल समीक्षा समिति ने शुक्रवार को आगाह किया है कि ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय स्थिति बेहद गम्भीर है और तेज़ी से बिगड़ रही है.
समिति के अनुसार हफ़्तों के बजाय कुछ ही दिनों के भीतर, इस हिंसक टकराव में सीधे तौर पर शामिल सभी पक्षों द्वारा तत्काल कार्रवाई की ज़रूरत है, ताकि इस विनाशकारी स्थिति को टाला जा सके और आम लोगों को इस संकट से उबारा जा सके.
विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की कार्यकारी निदेशक सिंडी मैक्केन ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X पर अपने सन्देश में कहा कि पूरी तरह से तबाही को टालने के लिए जल्द से जल्द, बिना किसी अवरोध के मानवीय सहायता को ज़रूरतमन्द आबादी तक पहुँचाना होगा.
उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों की पुष्टि की गई है वे बिलकुल अस्वीकार्य हैं.
इससे पहले, यूएन न्यूज़ के साथ बातचीत में WFP में खाद्य सुरक्षा व पोषण विश्लेषण के निदेशक ज्याँ मार्टिन बाउर ने बताया कि बड़े पैमाने पर आबादी का विस्थापन होने के नतीजे में यह स्थिति पनपी है.
साथ ही, ग़ाज़ा में वाणिज्यिक व मानवतावादी सहायता के प्रवाह में कमी आई है, बुनियादी ढाँचे का विध्वंस हुआ है और स्वास्थ्य केन्द्रों को नुक़सान पहुँचा है.
उन्होंने कहा कि ग़ाज़ा में प्रवेश करने वाले सहायता आपूर्ति ट्रकों की संख्या में तेज़ी से गिरावट आई है.
अक्टूबर महीने के अन्तिम दिनों में एक दिन में 58 ट्रक ही ग़ाज़ा में प्रेवश कर रहे थे, जबकि गर्मियों में यह संख्या क़रीब 200 थी. अधिकाँश ट्रकों के ज़रिये मानवीय सहायता पहुँचाई जा रही थी.
बताया गया है कि खाद्य सामग्री की आपूर्ति ना होने की वजह से उत्तरी ग़ाज़ा में खाद्य क़ीमतों में उछाल आया है, और पिछले कुछ हफ़्तों में दाम दोगुने हो गए हैं.
हिंसक टकराव शुरू होने से पहले की तुलना में ये क़ीमतें लगभग 10 गुना हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया का ध्यान ग़ाज़ा की ओर खींचने की कोशिश होनी चाहिए ताकि ज़रूरी क़दम उठाए जा सकें.
मानवीय तबाही को टालना होगा
अकाल समीक्षा समिति ने सभी हितधारकों से अपील की है कि ग़ाज़ा में तबाही भरी स्थिति की रोकथाम के लिए उन्हें अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल करना होगा.
उसने अपनी सिफ़ारिशों में ज़रूरतमन्द आबादी तक जल्द से जल्द भोजन, जल, मेडिकल व पोषक आहार पहुँचाने की ज़रूरत है और साथ ही में अन्य अति-आवश्यक सामान की आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने पर बल दिया है.
उत्तरी ग़ाज़ा में इसराइली घेराबन्दी का अन्त किए जाने, स्वास्थ्य केन्द्रों व अन्य बुनियादी ढाँचों पर हमलों को रोकने का आग्रह किया गया है.
इसके समानान्तर, स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों में चिकित्सा सामान पहुँचाने की अनुमति दी जानी होगी और हिरासत में रखे गए स्वास्थ्यकर्मियों को रिहा किया जाना होगा.
समिति के अनुसार यदि इन अनुरोधों को स्वीकार नही किया गया तो अगले कुछ दिनों में हालात बद से बदतर होने की आशंका है, जिसके परिणामस्वरूप आम नागरिकों की मौतें होंगी, जबकि उन्हें टाला जा सकता है.