रूसी सेना में लगभग दो दर्जन भारतीय हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान इसकी चर्चा हुई। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में तीन भारतीय मारे गए थे। राहत की खबर अब आई है।
भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे पर बहुत कुछ पाया है। रूस लगभग दो दर्जन भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने को तैयार है।
यह मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे पर मॉस्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान उठाया गया था। प्रधानमंत्री मोदी का प्रस्ताव राष्ट्रपति पुतिन ने तुरंत स्वीकार कर लिया। रूसी सेना के साथ यूक्रेन में लड़ रहे भारतीय अब सेवा से मुक्त होंगे। इनमें से प्रत्येक युवा भारत लौट सकेगा।
रूसी सेना के साथ यूक्रेन में जंग लड़ने वालों में पंजाब और हरियाणा के युवा भी शामिल हैं। माना जाता है कि मोटा वेतन देने के नाम पर इन्हें बरगलाया गया और बाद में यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर किया गया।
इस वर्ष की शुरुआत में एक वीडियो वायरल हो गया था। इसमें पंजाब और हरियाणा के युवा सैनिकों की वर्दी दिखाई दी।
युवाओं ने वीडियो में कहा कि उन्हें यूक्रेन में युद्ध लड़ने के लिए धोखा दिया गया था। भारत सरकार से सहायता मांगी गई थी।
भारत सरकार ने कहा कि मामला रूसी अधिकारियों से चर्चा में है।
सरकार ने विदेश में नौकरी के नाम पर झूठे वादे करने वाले एजेंटों पर भी कठोर कार्रवाई शुरू की थी।