नए शोध से पता चला है कि अल्जाइमर रोग में मस्तिष्क सिकुड़ने के पैटर्न हर व्यक्ति में अद्वितीय होते हैं, जैसे ‘फिंगरप्रिंट’, जो व्यक्तिगत दवाओं के विकास में मदद कर सकते हैं।
नई दिल्ली: एक नए अध्ययन में पाया गया है कि अल्जाइमर रोग से प्रभावित व्यक्तियों में मस्तिष्क सिकुड़ने का पैटर्न हर किसी के लिए अद्वितीय होता है, ठीक उसी तरह जैसे हर व्यक्ति की उंगलियों के निशान अलग होते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि इस जानकारी से व्यक्तिगत चिकित्सा के विकास में मदद मिल सकती है, जिससे मरीजों के लिए अधिक प्रभावी इलाज विकसित किए जा सकते हैं।
हालांकि, उम्र बढ़ने के साथ मस्तिष्क में सामान्य रूप से सिकुड़न देखी जाती है, लेकिन अल्जाइमर रोग से पीड़ित लोगों में यह सिकुड़न स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में अधिक होती है। इसे मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI) स्कैन की मदद से मापा जा सकता है।
इस अध्ययन से यह भी पता चला है कि हर व्यक्ति के मस्तिष्क सिकुड़ने के पैटर्न में भिन्नता होती है, और यह जानकारी यह समझने में मददगार हो सकती है कि समय के साथ व्यक्ति की मानसिक क्षमताएं कैसे प्रभावित होती हैं। इस शोध में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूके) के वैज्ञानिक भी शामिल थे।
अल्जाइमर रोग के मरीजों में याददाश्त की समस्या, सोचने-समझने की क्षमता और निर्णय लेने की क्षमता पर गहरा असर पड़ता है, जिससे उनका दैनिक जीवन प्रभावित होता है। इस नई खोज से अल्जाइमर के मरीजों के इलाज में नए रास्ते खुलने की संभावना है, जिससे मरीजों को उनकी व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुसार बेहतर उपचार मिल सके।