7 घंटे से कम सोना शरीर और दिमाग पर गंभीर असर डालता है। नींद की कमी का प्रभाव न केवल ताजगी पर पड़ता है, बल्कि इसका लंबे समय तक जारी रहना कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं:
1. मानसिक क्षमता और एकाग्रता पर असर
- ध्यान और याददाश्त में गिरावट: पर्याप्त नींद न मिलने से याददाश्त कमजोर होती है और ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होती है। यह पढ़ाई, काम और रोजमर्रा के कामों में दक्षता को कम कर सकता है।
- मानसिक थकान और चिड़चिड़ापन: नींद की कमी से लोग अधिक चिड़चिड़े हो जाते हैं और तनावग्रस्त महसूस करते हैं। इसके कारण मूड स्विंग्स और अवसाद (डिप्रेशन) जैसी मानसिक समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर
- संक्रमण का खतरा: पर्याप्त नींद से इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है, जो संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है। नींद की कमी से शरीर में इंफ्लेमेशन (सूजन) बढ़ सकता है, जो कई प्रकार की बीमारियों का कारण बन सकता है।
- क्रॉनिक बीमारियों का खतरा: लंबे समय तक नींद की कमी से शरीर में इन्फ्लेमेटरी एंजाइम्स बढ़ जाते हैं, जो हृदय रोग, मधुमेह, और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं।
3. हृदय स्वास्थ्य पर असर
- हृदय रोग का बढ़ता खतरा: अपर्याप्त नींद से ब्लड प्रेशर अनियमित हो सकता है, जिससे हृदय पर दबाव बढ़ता है और कार्डियोवैस्कुलर (हृदय से संबंधित) रोगों का खतरा बढ़ सकता है। अध्ययन बताते हैं कि नींद की कमी से हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।
4. मधुमेह और मोटापे का खतरा
- मेटाबोलिक समस्या: नींद की कमी से इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता कम हो जाती है, जिससे मधुमेह (डायबिटीज) का खतरा बढ़ सकता है। इसके साथ ही, नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन (घ्रेलिन) में वृद्धि होती है और भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन (लेप्टिन) में कमी होती है, जिससे मोटापा बढ़ सकता है।
5. भावनात्मक अस्थिरता और मानसिक स्वास्थ्य
- अवसाद और एंग्जायटी: नींद की कमी से मस्तिष्क में सेरोटोनिन की कमी हो जाती है, जो अवसाद (डिप्रेशन) और एंग्जायटी का कारण बन सकती है। इसके अलावा, लंबे समय तक नींद न लेने से इंसान मानसिक थकान का अनुभव करता है, जिससे मनोवृत्ति में अस्थिरता आ सकती है।
नींद का महत्व स्वास्थ्य के हर पहलू पर होता है। शरीर को स्वस्थ रखने और मानसिक शांति बनाए रखने के लिए रोजाना 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।