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Wednesday, March 12, 2025
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पीठ के दर्द को न करें नजरअंदाज ! नहीं तो हो सकती है गंभीर बीमारी

अगर आपकी पीठ में लगातार दर्द बना रहता है, तो इसे नजरअंदाज करना आपके लिए खतरे का संकेत हो सकता है। यह दर्द किसी मामूली समस्या का नहीं, बल्कि एक गंभीर बीमारी का पहला लक्षण हो सकता है, जैसे स्कोलियोसिस, जो आपकी रीढ़ की हड्डी को प्रभावित कर सकती है। समय रहते इलाज न मिलने पर यह दर्द और भी बढ़ सकता है और आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। तो अगर आप भी पीठ के दर्द से परेशान हैं, तो इसे हल्के में न लें, जानें इसके लक्षण और सही इलाज के बारे में।

स्कोलियोसिस: रीढ़ की हड्डी का टेढ़ा होना
रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यह हमारे शरीर के वजन को सहन करने का काम करती है। लेकिन जब रीढ़ की हड्डी कमजोर या टेढ़ी हो जाती है, तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। स्कोलियोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रीढ़ की हड्डी एक ओर मुड़ जाती है। यह समस्या आमतौर पर किशोरावस्था में दिखाई देती है। स्कोलियोसिस का सही समय पर इलाज होना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह भविष्य में और भी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।

स्कोलियोसिस के कारण
स्कोलियोसिस किशोरों में कई कारणों से हो सकता है, जैसे जीन, हार्मोनल बदलाव या रीढ़ की हड्डी में चोट लगना। हालांकि, कई बार इसके कारण का पता नहीं चल पाता। स्कोलियोसिस के लक्षणों में शामिल हैं
लगातार पीठ में दर्द
कपड़े ठीक से फिट न होना
हिप में दर्द
उठने-बैठने में परेशानी

एक्सपर्ट की राय
स्कोलियोसिस का इलाज शुरुआत में शारीरिक जांच से किया जाता है। इस दौरान डॉक्टर आपके हिप या कंधों को चेक करते हैं। अगर डॉक्टर को स्कोलियोसिस का संदेह होता है, तो एक्स-रे से रीढ़ की हड्डी की स्थिति का पता लगाया जाता है। यदि रीढ़ की हड्डी की टेढ़ाई 25 डिग्री से कम है, तो डॉक्टर हर छह महीने में जांच करने की सलाह देते हैं।

स्कोलियोसिस का इलाज
मध्यम टेढ़ापन (25-40 डिग्री): इस स्थिति में बैक ब्रेस पहनने की सलाह दी जाती है। यह ब्रेस स्कोलियोसिस को ठीक नहीं करता, लेकिन स्थिति को बिगड़ने से रोकता है। गंभीर टेढ़ापन (40 डिग्री से अधिक): इस स्थिति में डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं, ताकि रीढ़ की हड्डी को सही किया जा सके।

स्पाइनल फ्यूजन सर्जरी की प्रक्रिया
स्पाइनल फ्यूजन एक सामान्य सर्जरी है, जिसमें रॉड, स्क्रू और हड्डी के ग्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाता है। इससे प्रभावित हड्डियों को स्थायी रूप से जोड़ दिया जाता है। यह सर्जरी दर्द को कम करने और शरीर की मुद्रा को सही करने में मदद करती है। इस तरह, ब्रेसिंग और सर्जरी के माध्यम से डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि स्कोलियोसिस का शारीरिक विकास पर कोई बुरा असर न पड़े।

डिस्कलेमर: किसी भी स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए कृपया अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लें।

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