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दारागंज में भगवान नरसिंह से जुड़ा हुआ एक प्राचीन मंदिर स्थित है, जहां पर आज भी उनकी प्राचीन मूर्ति विराजमान है. उनके साथ माता लक्ष्मी भी मौजूद हैं. इस मंदिर से जुड़ी रोचकता यह है कि मंदिर के मुख्य पुजारी सुदर्शनाचार्य जी महाराज बताते हैं कि जब हिरण्य कश्यप विष्णु भगवान के भक्त प्रहलाद को दंडित करने के लिए सोच रहा था, उस समय भक्त प्रहलाद ने हिरण्य कश्यप को बताया कि भगवान विष्णु अणु ,कण, खर, सर्वत्र व्याप्त हैं. इस पर हिरण्य कश्यप को और क्रोध आ जाता है और वह प्रहलाद पर हमला करने जाता है. उसी समय वहां उपस्थित एक खंभे को चीर कर शेर का धड़ और मनुष्य का शरीर लेकर भगवान विष्णु अवतरित होते हैं और हिरण्य कश्यप का वध करते हैं. तभी से पहली बार भगवान नरसिंह की मूर्ति पूजा हुई और वहीं से मूर्ति पूजा की शुरुआत भी हुई.
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