हिंदू धर्म में कई मान्यताएं हैं और कई चीजों को शुभ या अशुभ मानते हैं। शकुनशास्त्र में पशु-पक्षियों से जुड़े संकेतों का विशेष महत्व है। कबूतर को शांति और सुख का प्रतीक माना जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि कबूतर मां लक्ष्मी का भक्त है और इसे घर में लाना शुभ है, तो कुछ लोगों का मानना है कि कबूतर को बार-बार घर में लाना या घोंसला बनाना दुर्भाग्य है। आइए जानते हैं कि कबूतर क्या संकेत देता है।
कबूतर का घोंसला बनाना अशुभ संकेत
अक्सर कबूतर छत, बालकनी या एसी पर घोंसला बनाते हैं। घर में कबूतर का घोंसला बनाना शकुनशास्त्र में अशुभ माना जाता है। कबूतर का घोंसला बनाना दुर्भाग्य का संकेत है। उसके घोंसले को जल्दी निकाल दें। माना जाता है कि घोंसला बनाने से घर के सदस्यों की आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है और उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कबूतर का आना शुभ
माना जाता है कि अगर एक कबूतर बिना घोंसले के आपके घर आता रहता है, तो यह एक अच्छा संकेत है। शास्त्रों के अनुसार, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर आए कबूतर को दाना खिलाएं। ज्योतिषियों का कहना है कि ऐसा करने से कुंडली में गुरु और बुध की स्थिति मजबूत होगी। ये कबूतर भी घर में शुभ ऊर्जा लाते हैं। सुबह कबूतर की गुटर गूं सुनने से लाभ मिलता है।
सौभाग्य लाता है कबूतर
यदि घर में कबूतर आ जाए तो आपका बुरा भाग्य बदल सकता है। शास्त्रों में कहा गया है कि कबूतर मां लक्ष्मी को मानते हैं। इसलिए घर में कबूतर होना सुख-शांति लाता है। कबूतरों को हर दिन दाना खिलाना शुभ माना जाता है जब वे घर में आते हैं।