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Thursday, October 10, 2024

जानिए: छठ पूजा 2024 की सही तारीख और खास महत्त्व

छठ पूजा 2024 की तारीख, महत्व, और विशेष रस्मों के बारे में जानें। इस लेख में छठ पूजा की परंपराएँ और इसे मनाने का तरीका विस्तार से बताया गया है।

परिचय

छठ पूजा एक प्राचीन और प्रमुख भारतीय त्योहार है, जो विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और नेपाल में मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी माई की पूजा के लिए समर्पित है। इस पूजा के माध्यम से श्रद्धालु अपने परिवार और प्रियजनों की भलाई और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

छठ पूजा 2024 की तारीख

साल 2024 में छठ पूजा 5 से 8 नवंबर तक मनाई जाएगी। यह पर्व चार दिन तक चलता है, जिसमें विभिन्न अनुष्ठान और प्रथाएँ शामिल होती हैं।छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को होती है और इसका समापन सप्तमी को होता है.

छठ पूजा के चार दिन

छठ पूजा के चार दिन इस प्रकार हैं:

  1. नहाय-खाय: इस दिन श्रद्धालु स्नान करते हैं और शुद्ध आहार ग्रहण करते हैं। यह दिन विशेष रूप से तैयारी का होता है।
  2. खरना: इस दिन उपवास रखा जाता है और शाम को सूर्य को अर्घ्य देने से पहले विशेष पकवान बनाए जाते हैं, जैसे कि खीर, रोटी, और फल।
  3. सूर्य अर्घ्य: तीसरे दिन, प्रातः सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। श्रद्धालु नदी या तालाब के किनारे जाते हैं और सूर्य देवता को अर्घ्य प्रदान करते हैं।
  4. उषा अर्घ्य: चौथे दिन प्रातः काल फिर से सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद पूजा का समापन होता है।

छठ पूजा का महत्व

  1. सूर्य देवता की पूजा: छठ पूजा के दौरान, सूर्य देवता की पूजा की जाती है, जो जीवन, ऊर्जा, और स्वास्थ्य के प्रतीक हैं। सूर्य की किरणों का व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  2. परिवार की भलाई: इस पूजा के माध्यम से परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना की जाती है। महिलाएँ विशेष रूप से इस पर्व को मनाकर अपने परिवार के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।
  3. सामाजिक एकता: छठ पूजा एक ऐसा अवसर है जब लोग एकत्र होते हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर इस पर्व को मनाते हैं। यह सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रतीक है।
  4. पर्यावरण संरक्षण: छठ पूजा के दौरान जल स्रोतों की सफाई पर जोर दिया जाता है, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

छठ पूजा के अनुष्ठान

छठ पूजा के अनुष्ठान में विभिन्न रीतियों का पालन किया जाता है:

  1. स्नान: श्रद्धालु नदी, तालाब या अन्य जल स्रोत में स्नान करते हैं, जिससे शुद्धता का अनुभव होता है।
  2. उपवास: खरना के दिन उपवास रखा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो श्रद्धालुओं की आस्था को दर्शाता है।
  3. अर्घ्य प्रदान करना: सूर्य को अर्घ्य प्रदान करते समय श्रद्धालु विशेष मंत्रों का जाप करते हैं, जो पूजा की महत्ता को बढ़ाता है।
  4. भोग का वितरण: पूजा के बाद, बनाए गए भोग का वितरण किया जाता है, जिससे सभी को समृद्धि और खुशियों की प्राप्ति होती है।

छठ पूजा के खास पकवान

छठ पूजा के दौरान विशेष पकवान बनाए जाते हैं, जैसे:

  1. कद्दू की खीर: यह मिठाई खासकर इस अवसर पर बनाई जाती है।
  2. चना दाल की रोटी: यह सादा और स्वास्थ्यवर्धक होती है।
  3. फलों का भोग: विभिन्न प्रकार के फलों का भोग भी अर्पित किया जाता है।

छठ पूजा का पर्यावरणीय प्रभाव

छठ पूजा के दौरान जल स्रोतों की सफाई और संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता है। श्रद्धालु अपने आस-पास के जल स्रोतों को स्वच्छ रखते हैं, जिससे जल प्रदूषण की समस्या कम होती है।

निष्कर्ष

छठ पूजा एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, जो न केवल सूर्य देवता की पूजा करता है, बल्कि परिवार और समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है। 2024 में इस पर्व के माध्यम से हम सभी एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

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