अपराजिता, जिसे विष्णुकांता या शंकरपुष्पी भी कहा जाता है, हिंदू धार्मिक मान्यताओं और वास्तु शास्त्र में एक महत्वपूर्ण पौधा माना जाता है। इसके फूलों का उपयोग पूजा में किया जाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ाने के लिए इसे शुभ माना जाता है।
धार्मिक महत्व और मान्यता
- भगवान विष्णु और शिव का प्रिय: सफेद अपराजिता का फूल भगवान विष्णु और शिवजी को अत्यधिक प्रिय है। इसे पूजा में अर्पित करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। इसकी पूजा से माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और शनि दोष को कम करने में भी सहायक होता है।
- मां दुर्गा का अवतार: हिंदू धर्म में सफेद अपराजिता के फूलों को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है, जो घर में शक्तिशाली सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
सफेद अपराजिता का महत्व
सफेद अपराजिता के पौधे को धन और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। इसे घर में लगाने से आर्थिक रूप से लाभ और तिजोरी में स्थिरता आती है। इसे विशेष रूप से घर के मुख्य द्वार के दाईं ओर या पूर्व दिशा में लगाने की सलाह दी जाती है ताकि इसका सकारात्मक प्रभाव घर के सभी सदस्यों पर पड़े।
अपराजिता के औषधीय गुण
अपराजिता न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से लाभकारी है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके औषधीय गुणों में शामिल हैं:
- दिल की बीमारियों का खतरा कम करना: इसके फूलों में ऐसे तत्व होते हैं जो हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक होते हैं।
- रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का नियंत्रण: अपराजिता का सेवन रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने में मददगार साबित होता है।
- मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा: यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे वजन नियंत्रित रहता है और ओवरईटिंग की समस्या में भी राहत मिलती है।
अपराजिता का पौधा घर में कहां लगाएं
सफेद अपराजिता के पौधे को घर के मुख्य द्वार या घर के किसी कोने में लगाने से यह वास्तु दोष को दूर करता है। इसे लगाने के लिए इसे 6-8 घंटे की धूप, नियमित पानी, और हल्की अम्लीय मिट्टी की आवश्यकता होती है, जो इसे स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होती है।
अतः सफेद अपराजिता का पौधा न केवल एक धार्मिक और वास्तु शास्त्र की दृष्टि से लाभकारी है, बल्कि इसका औषधीय उपयोग भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। इसे घर में लगाना सुख, शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।