सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है साल में कुल 12 पूर्णिमा आती है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत का विधान होता है मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्ट दूर हो जाते हैं। पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को फाल्गुन पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही फाल्गुन पूर्णिमा पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी खास मानी जाती है
मान्यता है कि इस दिन पितरों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करने से पितृदोष समाप्त हो जाता है और घर में सुख शांति व समृद्धि सदा बनी रहती है. फाल्गुन मास की पूर्णिमा कब मनाई जाएगी, तो आइए जानते हैं। फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि— हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर हो जाएगा। वही इस तिथि का समापन 14 मार्च को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च को मनाई जाएगी। इसके अलावा फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 13 मार्च को करना उत्तम रहेगा।