आईएएस रानू साहू पर वर्ष 2015 से 2022 तक करीब चार करोड़ रुपये की अचल संपत्ति स्वयं के नाम से और पारिवारिक सदस्यों के नाम से खरीदने का आरोप है। उनके सेवा में आने के बाद से 2022 तक का कुल वेतन 92 लाख रुपये बताया गया है।
रायपुर नगर ईओडब्ल्यू ने कोयला घोटाले में जेल में बंद तीन आरोपितों के खिलाफ एक नया एफआइआर दर्ज किया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निलंबित अधिकारी (राज्य प्रशासनिक सेवा) उपसचिव सौम्या चौरसिया, समीर बिश्नोई और निलंबित आईएएस रानू साहू के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।
तीनों पर अलग-अलग मामले में एफआईआर दर्ज हुई है। ये सभी 550 करोड़ के कोयला घोटाले में जेल में बंद हैं। सौम्या चौरसिया और उनके परिवार के नाम नौ करोड़ 20 लाख रुपये की 29 अचल संपत्ति होने की पुष्टि की है।
रानू साहू पर 2015 से 2022 तक अपने और पारिवारिक सदस्यों के नाम से चार करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने का आरोप लगा है। उनके सेवा में आने से 2022 तक वे 92 लाख रुपये वेतन पाएंगे।
500 गुना से अधिक संपत्ति अर्जित
आईएएस समीर बिश्नोई की बात की जाए तो उनके पास साल 2010 से 2022 तक का कुल वेतन 93 लाख रुपये है। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी प्रीति गोधरा के नाम से पांच करोड़ रुपए की कई अचल संपत्ति ले रखी है, जो उनके वेतन से 500 गुना अधिक है।
निलंबित IAS रानू साहू को बड़ी राहत
रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनको सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। रानू साहू के अलावा दीपेश टांक को भी जमानत मिल गई है। हालांकि ये अंतरिम राहत है। दोनों को 7 अगस्त तक के लिए दोनों की जमानत मंजूर की गई है। रानू की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में सुनवाई हुई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल की बेंच में दोनों की याचिका की सुनवाई हुई। रानू की तरफ से मुकुल रोहतगी ने पैरवी की है।