मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में शासकीय भूमि के आवंटन को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के आदेशों पर रोक लगाने का बड़ा फैसला लिया है। इसमें नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और भूमि स्वामी को हक प्रदान करने जैसे आदेश शामिल है।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के किसान अपने सभी कृषि उपजों को बिना पंजीयन के ही राष्ट्रीय बाजार में बेच सकेंगे। इसके लिए सरकारी मंडी के माध्यम से खरीदी बिक्री हो सकेगी। इसमें किसान अपने सभी तरह के कृषि उपज में धान, मक्का, उड़द, मूंग और सब्जी उत्पाद आदि की बोली लगा सकेंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके लिए 22 से 26 जुलाई तक प्रस्तावित विधानसभा के मानसून सत्र में राज्य सरकार छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक-2024 पेश करेगी। इसके प्रारूप का कैबिनेट में अनुमोदन किया गया।
कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन होने से अन्य प्रदेश के मंडी बोर्ड अथवा समिति के एकल पंजीयन अथवा लाइसेंसधारी, व्यापारी और प्रसंस्करणकर्ता केंद्र सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से अधिसूचित कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन के कर सकेंगे, इससे राज्य के किसानों और विक्रेताओं को अधिकतम मूल्य मिल पाएगा। ई-नाम में जो अधिकतम बोली लगाएगा। वह खरीदी-बिक्री कर सकेगा। बतादें कि इसमें पूरे देश के व्यापारी, फर्म व कंपनियां जुड़ी रहती हैं। मंडी में किसान अपने लाट को लाएगा और फिर ऑनलाइन बोली लगेगी।
सरकारी जमीन आवंटन संबंधी भूपेश सरकार के सारे नियम निरस्त
साय सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार में सरकारी जमीन के आवंटन को लेकर जारी सभी परिपत्रों को साय सरकार ने निरस्त कर दिया है। इसमें राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन, शासकीय भूमि के आवंटन व वार्षिक भू-भाटक के निर्धारण और वसूली प्रक्रिया संबंधी 11 सितंबर 2019 को जारी परिपत्र, नगरीय क्षेत्रों में प्रदत्त स्थायी पट्टों का भूमिस्वामी हक प्रदान किए जाने संबंधी 26 अक्टूबर 2019 को जारी परिपत्र, नजूल के स्थायी पट्टों की भूमि को भूमिस्वामी हक में परिवर्तित किए जाने के लिए 20 मई 2020 को जारी परिपत्र और नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आवंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और भूमि स्वामी हक प्रदान करने के संबंध में 24 फरवरी 2024 को जारी परिपत्र शामिल हैं।
ये अन्य फैसले
प्रथम अनुपूरक अनुमान: मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2024-2025 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
माल और सेवा कर अधिनियम में संशोधन: जीएसटी काउंसिल द्वारा इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के संबंध में आगत कर प्रत्यय लिए जाने के प्रविधान को युक्तियुक्त बनाने और पान मसाला, गुटखा इत्यादि के विनिर्माण में लगने वाले मशीनों के रजिस्ट्रीकरण के लिए अधिनियम में कुछ संशोधन का निर्णय लिया गया था।