सुंदरीकरण के नाम पर छत्तीसगढ़ में पेड़ों को रंगने वालों को अब न्याय नहीं मिलेगा। ऐसे लोगों को दंडित किया जाएगा। पेड़ों के तनों में पेंट लगाने से विभिन्न रासायनिक पदार्थ छालों के माध्यम से अंदर जाकर पेड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। आवास एवं पर्यावरण मंत्रालय के मंत्री ओपी चौधरी ने इस संबंध में शासन मंत्रालय के सभी विभागों और प्रदेश के सभी कलेक्टरों को आदेश दिया है।
आदेश में कहा गया है कि सुंदरीकरण के नाम से पेड़ों के तनों पर पेंटिंग न करने दी जाए। मनाही के बाद भी पेंटिंग की जाती है तो ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। प्रदेश के विभिन्न नगरी निकायों में पेड़ों पर पेंटिंग करने की शिकायत पर्यावरण प्रेमी नितिन सिंघवी ने वर्ष-2019 और 2021 में मुख्य सचिव से की थी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने नगर निगम के आयुक्त, नगर पालिका और नगर पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आदेश जारी किया था। अन्य विभागों को आदेश जारी नहीं किए जाने के कारण सुंदरीकरण के नाम से पेंटिंग का कार्य किया जा रहा था। सिरपुर महोत्सव-2024 में साडा की ओर से सड़क के दोनों तरफ 75 से ज्यादा पेड़ों के तनों पर पेंटिंग कराया गया था। सिंघवी ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव से शिकायत करते हुए सभी विभागों को पेड़ों में पेंटिंग न करने के निर्देश देने का आग्रह किया था।
जैसा कि पर्यावरणविद् प्रोफेसर शम्स परवेज ने कहा, पेड़ों को रंगना पूरी तरह से गलत है। तब तन ऑक्सीजन-कार्बनडाई ऑक्साइड बनाने में बाधा डालता है। इसके अलावा, तनों में जड़ से पानी नहीं मिल सकता है। पेंट तनों के छिद्रों को बंद करता है, जिससे यह क्रिया प्रभावित होती है। पेड़ों का विकास करने के लिए छाल लचीला होना चाहिए।
इस लचीलेपन को पेंट रोकता है। कुछ पेंट में मौजूद रसायन पेड़ों के लिए घातक होते हैं। ये रसायन छाल में घुसकर पेड़ की आंतरिक प्रणालियों को खराब कर सकते हैं। रसायन मटेरियल तनों की छालों के माध्यम से अंदर जाते हैं, जिससे ऊतकों (टिशु) और कोशिकाओं (सेल) की मृत्यु की संभावना बनी रहती है।