ईओडब्ल्यू-एसीबी के अधिकारियों ने कई बस्तों और पेटियों में भरकर साथ लाए दस्तावेजों, इलेक्ट्रानिक्स साक्ष्यों आदि को पेश किया। इस दौरान कोयला घोटाले के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी, निलंबित आईएएस रानू साहू और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया को वीसी के जरिए कोर्ट पेशी हुई जबकि शेष 12 आरोपितों को कोर्ट में लाकर पेश किया गया।
रायपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित कोयला घोटाले और महादेव एप सट्टेबाजी केस में ईओडब्ल्यू-एसीबी ने विशेष कोर्ट में आरोप पत्र पेश कर दिया। कोयला घोटाले में जहां 8200 पन्ने वहीं महादेव एप सट्टेबाजी केस में छह हजार से अधिक पन्नों का आरोप पत्र पेश किया गया। इन दोनों केस के सभी आरोपितों की कोर्ट में पेशी भी हुई।
ईओडब्ल्यू-एसीबी के अधिकारियों ने कई बस्तों और पेटियों में भरकर साथ लाए दस्तावेजों, इलेक्ट्रानिक्स साक्ष्यों आदि को पेश किया। इस दौरान कोयला घोटाले के किंगपिन सूर्यकांत तिवारी, निलंबित आईएएस रानू साहू और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया को वीसी के जरिए कोर्ट पेशी हुई जबकि शेष 12 आरोपितों को कोर्ट में लाकर पेश किया गया।
ईओडब्ल्यू की ओर से जानकारी दी गई कि अवैध कोल लेवी केस में रायपुर जेल में बंद 15 आरोपितों सौम्या चौरसिया, रानू साहू, समीर बिश्नोई, शिवशंकर नाग, संदीप कुमार नायक, सूर्यकांत तिवारी, निखिल चंद्राकर, लक्ष्मीकांत तिवारी, हेमंत जायसवाल, चंद्रप्रकाश जायसवाल, शेख मोइनुद्दीन कुरैशी, पारेख कुर्रे, राहुल सिंह, रोशन कुमार सिंह और वीरेंद्र जायसवाल के खिलाफ दर्ज धारा 120 बी, 420,384 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (यथासंशोधित भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018) की धारा 7, 7 ए, 12 के अंतर्गत विशेष न्यायालय में आरोप अभियोग पत्र पेश किया गया।
इसी तरह से महादेव बुक एप प्रकरण में जेल में बंद 10 आरोपित रितेश कुमार यादव, राहुल वकटे, निलंबित एएसआइ चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, सुनील कुमार दम्मानी, भीम सिंह यादव, अमित कुमार अग्रवाल, अर्जुन सिंह यादव, नीतिश दीवान और किशनलाल वर्मा के विरूद्ध धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471,201, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 ( यथासंशोधित भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018) की धारा 7 एवं 7A, छ.ग. जुआ (प्रतिषेध) अधिनियम 2022 की धारा 4, 7, 8 व 11 और सार्वजनिक द्यूत अधिनियम, 1867 (यथासंशोधित सार्वजनिक द्यूत (मप्र संशोधन) अधिनियम 1976) की धारा 4 क के अंतर्गत न्यायालय आरोप पत्र पेश कर दिया गया। इस प्रकरण में एप के प्रमोटर व संचालक सौरभ चन्द्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने के कारण फरारी में कार्रवाई की जा रही है।