राजनांदगांव में पुलिस आरक्षक की आत्महत्या और भर्ती प्रक्रिया में हुए फर्जीवाड़े के आरोपों से जुड़ी घटनाएं काफी गंभीर हैं। आरक्षक अनिल रत्नाकर, जो 2021 में पुलिस सेवा में शामिल हुए थे, ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनकी ड्यूटी आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में थी, जिसमें लेन-देन और गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। 14 आरक्षकों पर भर्ती में धांधली में शामिल होने का संदेह है, जिनमें रत्नाकर का नाम भी शामिल है।
यह भर्ती प्रक्रिया विवादों में घिरी हुई है, जिसमें फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। एक अभ्यर्थी को गोला फेंक में 11 अंक की जगह 20 अंक मिल गए थे। कुछ अभ्यर्थी, जो प्रतियोगिता में शामिल नहीं हुए थे, उन्हें भी अंक दिए गए। 30 अभ्यर्थियों के डेटा को संदिग्ध माना गया। भर्ती प्रक्रिया की जांच अब इस गड़बड़ी के कारण तेज हो गई है, और अधिकारियों तथा कर्मचारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।
इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और सबूत जुटाने के लिए उप पुलिस अधीक्षक तनुप्रिया ठाकुर ने लालबाग थाना पहुंचकर लिखित शिकायत की थी। यह मामला पुलिस भर्ती प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से छेड़छाड़ और अन्य गड़बड़ियों का भी है, जो भर्ती की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं।