यह घटना हृदयविदारक और सामाजिक संवेदनाओं को झकझोर देने वाली है। छत्तीसगढ़ के सीतापुर के पेटला गांव के कोयलापानी क्षेत्र में खेत में पत्थरों से दबा हुआ नवजात शिशु मिलने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों की तत्परता और महिला स्वास्थ्यकर्मी की मदद से बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है, जहां उसका उपचार चल रहा है।
क्या है पूरा मामला?
ग्रामीणों ने शाम करीब 5 बजे खेत में पत्थरों के बीच दबा हुआ एक नवजात शिशु देखा। यह दृश्य देखकर सभी हैरान रह गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी। स्वास्थ्यकर्मी ने बच्चे को अस्पताल पहुंचाया, जहां अब वह सुरक्षित है।
पुलिस जांच में जुटी
प्राथमिक जांच में यह मामला बदनामी के डर से बच्चे को लावारिस छोड़ने का प्रतीत होता है। पुलिस अब मामले की गहराई से जांच कर रही है और दोषियों की पहचान की जा रही है।
यह घटना समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। बच्चे की जान बचाने वाले ग्रामीणों और स्वास्थ्यकर्मी की प्रशंसा की जानी चाहिए।