इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) का 83वां वार्षिक अधिवेशन आठ से 11 नवंबर तक रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में होने जा रहा है। आठ नवंबर को शाम 4:30 बजे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में अधिवेशन की औपचारिक शुरुआत करेंगे।
इस अधिवेशन में आईआरसी की ओर से दोपहिया वाहनों से हो रहे हादसों को रोकने के लिए विशेष तकनीकी सत्र पर चर्चा और मंथन कराया जाएगा। इसमें देशभर के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) सहित अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों से इंजीनियरिंग के विद्यार्थी, शोधार्थी व शिक्षक शामिल होंगे।
अधिवेशन में सड़क, पुल-पुलिया निर्माण की आधुनिक तकनीक पर होगी चर्चा
ये जानकारी छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री व लोक निर्माण मंत्री अरुण साव, आइआरसी के सेक्रेटरी जनरल एसके निर्मल और लोक निर्माण विभाग छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव डा. कमलप्रीत ने प्रेस वार्ता में दी। अधिकारियों ने बताया कि अधिवेशन में सड़क, पुल-पुलिया निर्माण की आधुनिक तकनीक पर चर्चा होगी। आईआरसी ने अब तक फोर लेन, सिक्स लेन, सर्विस रोड जैसी गाइडलाइन दी है मगर अभी दोपहिया वाहनों से हादसे रोकने की सबसे अधिक चुनौती है।
इस तरह के हादसों में रोड इंजीनियरिंग ही जिम्मेदार होती है। इसमें सड़क की बनावट कैसी है, मोड़ किस तरह बने हैं, सड़क का सरफेस कैसा हो, दोपहिया वाहनों सुरक्षा का मानक क्या होना चाहिए, इन मुद्दों को समझना जरुरी है।
दोपहिया वाहनों से हो रहे हादसों से चिंता में आइआरसी
आईआरसी के सेक्रेटरी जनरल एसके निर्मल ने दोपहिया वाहनों से हो रहे हादसों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आईआरसी गाइडलाइन तय करता है। राज्य सरकारों का दायित्व है कि वह उसका पालन कराएं। उन्होंने कहा कि ब्लैक स्पाट को लेकर प्रश्न पर निर्मल ने कहा कि किसी सड़क या रास्ते पर एक ही जगह बार-बार हादसे होना चिंता का विषय है। यह सरकार की पहली प्राथमिकता में है कि ऐसे जगहों की सड़क मे सुधार करें।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट 2022-23 के मुताबिक इस वर्ष में
दोपहिया वाहनों से मारे गए लोगों का 44 प्रतिशत (लगभग 76,000) है। यह प्रवृत्ति पिछले कुछ वर्षों से जारी है। दोपहिया वाहन सवारों में से लगभग 70 प्रतिशत हेलमेट नहीं पहने हुए थे। इसके पहले वर्ष 2021 के दौरान देश में सड़क हादसों में दोपहिया वाहनों ने सबसे ज्यादा 70,000 लोगों की जान ली है। जो कि कुल सड़क दुर्घटनाओं में 44.5 प्रतिशत का योगदान दिया है। इसके बाद कारों (23,531 मौतें) (15.1 प्रतिशत) और ट्रक या लारी (14,622 मौतें) (9.4 प्रतिशत) का योगदान रहा है।
गडकरी जारी करेंगे ये चार दस्तावेज
पहले ही दिन केंद्रीय मंत्री गडकरी चार प्रमुख दस्तावेज जारी करेंगे, जिन पर अगले तीन दिन तक चर्चा होगी। इनमें स्टील की पुल निर्माण के लिए दिशा-निर्देश, स्टील-कंक्रीट कंपोजिट बाक्स, सड़क पुलों के लिए गर्डर अधिरचना दिशा-निर्देश, मल्टी माडल यात्री टर्मिनलों के लिए दिशा-निर्देश और पुल प्रबंधन, इन्वेंटरी के लिए मैनुअल,निरीक्षण एवं रखरखाव का दस्तावेज (पहला पुनरीक्षण) शामिल है।