छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में दो दिन से जारी वर्षा के बाद नदी, नाले उफान पर आ गए हैं। सुकमा जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर दोरनापाल व कोंटा के बीच एर्राबोर में नाले के उफान में आने से तेलंगाना व आंध्रपदेश राज्य से संपर्क टूट गया है। गोदावरी नदी और शबरी में बाढ़ की स्थिति है। बस्तर की प्राणदायिनी कहलाने वाली इंद्रावती नदी ने सुबह 11 बजे केंद्रीय जल आयोग के गेज साइट पर वार्निंग लेवल सात मीटर को छू लिया है।
इस मानसूनी मौसम में पहली बार बादल जमकर बरसे। गुरुवार की शाम आरंभ हुई बारिश ने रात गहराते ही तेजी पकड़ ली। इससे शहर के कई वार्ड में जलभराव की समस्या देखी गई। सड़कें-गलियां पानी में डूब गए। कई वार्ड में घरों के भीतर भी पानी घुस गया।
तेज वर्षा ने एक ही रात में निगम की तैयारी, सफाई व्यवस्था, शहर में हो रहे अव्यस्थित निर्माण से उपजी समस्या को उजागर कर दिया। लगभग डेढ़ दशक बाद शहर में ऐसी स्थिति देखी गई है। शहर से बाहर निकलने वाले प्राकृतिक प्रवाह के रास्ते हुए निर्माण सबसे बड़े कारण रहे। परिणाम यह रहा कि शहर के पानी की निकासी के लिए तीस बड़े नाले का निर्माण किया गया है, वे भी पानी को शहर से बाहर निकालने जूझते रहे।
गंगानगर वार्ड निवासी संजय ने बताया कि पहले उनके यहां जलभराव की समस्या नहीं थी। दो वर्ष से यहां नगर निगम के अव्यवस्थित नाला निर्माण और नए बने मकानों की वजह से अब पानी को शहर से बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिल रहा है और यह पानी अब वार्ड में घुस रहा है।
कोतवाली थाना परिसर में विशाल काय पेड़ तेज बारिश के कारण धराशायी हो गया। इसके नीचे कई गाड़ियां दब गईं। बारिश के कारण विद्या ज्योति स्कूल, क्राइस्ट कालेज, निर्मल विद्यालय सहित कई स्कूलों में छुट्टी दे दी गई।