अपने वार्ड को आदर्श वार्ड बनाया, महापौर बना तो पूरे शहर को संवारेंगे
रायपुर नगर पालिक निगम के शहीद हेमू कालाणी वार्ड-28 के पार्षद हरदीप सिंह होरा (बंटी होरा) ने अपने वार्ड में किए गए विकास कार्यों के बारे में बताया।
पार्षद हरदीप सिंह होरा उर्फ बंटी होरा ने कहा कि उनके पद पर आने के बाद वार्ड को अपना परिवार मानकर विकास कार्य शुरू किए गए। मैं परिवार के रूप में वार्ड में काम किया। साथ ही, वार्डवासियों ने अपने वार्ड, अपने परिवार और अपनी जिम्मेदारियों को समझा, जिससे लोग जागरुक हो गए और सभी ने मिलकर वार्ड को संवारने में सहयोग दिया। विभिन्न वार्डों में इस उद्देश्य का प्रभाव देखने को मिल रहा है और इसे अपनाया जा रहा है।
पार्षद होरा ने अपनी उपलब्धियां बताईं
वार्ड में पानी की कमी सबसे बड़ी चिंता थी। 35 साल पुराना सेक्टर 2 नाला, जो देवेंद्र नगर से सेक्टर 4 और 5 तक चला गया और नारायणा हॉस्पिटल के पास खत्म होता था, घुटने तक पानी भरता था। एक करोड़ का टेंडर है। दोनों तरफ दीवार और कवर्ड जल्द ही इसकी गहरीकरण करेंगे। वार्ड में ट्रैफिक सबसे बड़ी समस्या थी। यह प्रदेश का सबसे बड़ा कपड़ा बाजार है, जिसमें बड़ी पार्किंग की सुविधा है। इसके बाद जाम खत्म हो गया। रायपुर में सबसे पहले हमारे वार्ड में थीमेटिक सड़क प्रकाश लगाया गया था। डिजाइनर टेक्निकल स्ट्रीट पोल की स्थापना से थाना देवेंद्र नगर,सिटी सेंटर मॉल,छत्तीसगढ़ हाट इलाके में अंधेरे की समस्या से निजात मिली।
35 साल से नाला बंद था। नाले की चौड़ाई छह फिट और लंबाई आठ फीट है। घर, जो नाले के ऊपर बनाया गया था, कब्जामुक्त किया गया। यह वार्ड के सेक्टर 4 और 5 में जल भराव की समस्या को हल करने में सक्षम हुआ। भाटापारा, वार्ड का एकमात्र स्लम एरिया, वर्षों से सड़क पर एक चबूतरा था, जहां सब्जी ठेला लगाया जाता था। बीच रास्ते से उसे निकालकर रास्ते को खुलवाया गया। वार्ड में तीन बड़े कचरे के नुक्कड़ थे। नुक्कड़ों को खत्म कर उन्हें सुसज्जित किया गया। आज लोग यहाँ सेल्फी लेते हैं। कबाड़ से जुगाड़ की थीम, मेरा वार्ड, मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी और कका की चौपाल की सुंदरता आज देखते ही बनती है।
वार्ड समस्याओं का समाधान करने के लिए डिजिटल सहयोग शुरू हुआ। WhatsApp ग्रुप से प्राप्त शिकायतों का तुरंत समाधान किया गया। मुख्य समस्याओं का समाधान होने से वार्डवासी काफी राहत महसूस कर रहे हैं। देवेन्द्र नगर आरडीए के अधीन था। दीवारें टूट गईं और नालियां जर्जर हो गईं। पूरे वार्ड में हमने सर्वश्रेष्ठ ड्रेनेज प्रणाली बनाई। नालियों और गमलों में सुंदर पेटिंग और गमले थे। इससे मच्छर, बदबू और गंदगी दूर हो गईं। वार्ड में दसवीं वनस्पति है। इन उद्यानों को संरक्षित किया गया था। सेक्टर पांच में बाउंड्री वॉल, ओपन जिम, योग केंद्र और झूले बनाए गए।
महालक्ष्मी-न्यू कपड़ा मार्केट सेंटर में महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट बनाया गया है। हमारा वार्ड शहर का पहला टॉयलेट था। ठीक उसी तरह, पुरुषों के लिए ब्लू टॉयलेट अर्बन लॉन्ज का विचार किया गया था। यह भी छत्तीसगढ़ का पहला टॉयलेट होगा, जो हमारे वार्ड में बनेगा। भाटापारा वार्ड का एकमात्र स्लम एरिया था। यहां के घरों, मंदिरों और दुकानों में 3 डी चित्र बनाए गए। हमने सौंदर्यीकरण करने के लिए सोशल मीडिया में साउथ कल्पना को देखा। भाटापारा स्लम बस्ती में ८० वर्ष पुराने कुएं को साफ करके पीने योग्य बनाया गया। पुरानी धरोहर को सहज करने का प्रयास सफल रहा। यहां की गलियों में सुंदर पेवर लगाए गए थे।
कोरोना काल की सेवा से मोहब्बत की दुकान तक
कोरोना काल में, मैंने अपने खर्च से 450 परिवारों को राशन दिया, साथ ही शासन द्वारा दिए गए राशन भी। चिकित्सा और इंजेक्शन की व्यवस्था की। हमने टीका लगाओ इनाम पाओ का अभियान शुरू किया। दिल्ली और राजस्थान में भी इसकी चर्चा हुई। टीका लगाने वालों को रोमांचक उपहार दिए गए। बाहर से आने वाले लोगों को भी हमने निराश नहीं किया; हमने उन्हें रेनकोट और छाता भी दिया। डेंगू के दौरान अपने खर्च पर ओडोमास मच्छरदानी बांटे। मदद की दुकान से गरीब परिवारों को बरसात में छाते और रेनकोट दिए गए।
वार्ड की महिलाओं को हर साल पिकनिक भेजने का विशेष कार्यक्रम शुरू हुआ। साल में तीन टूर होते हैं। यह सामूहिक करवा चौथ उत्सव था। वार्ड की महिलाएं एक स्थान पर एकत्रित होकर पूजा करने लगी। हमें आवश्यक सामग्री दी गई।
रोजाना सुबह 6:30 बजे वार्ड वासियों के साथ नाश्ता करके दिन की शुरुआत होती है; मैं हर दिन 11:30 बजे तक वार्ड की सफाई करता हूँ। निरीक्षण भी दूसरी समस्याओं को हल करता है। भी जोन 2 अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी निभा रहा हूँ। रोजाना जोन के सारे कार्य के बाद, हर दिन शाम 7 से 9 बजे तक देवेंद्र नगर थाने में बैठकर समस्याओं का समाधान किया जाता है। रात 9 बजे के बाद हर समस्या का समाधान होता है। समस्या का समाधान जल्द ही गार्डन में होगा। जनता से कमियों की जानकारी मिलने पर समाधान किया जाएगा।।
महापौर का चयन पार्षद ही करें तो अच्छा
मेरा मानना है कि पार्षद ही महापौर का चयन करें। यदि महापौर को पार्षद चुनते हैं तो दबाव डालकर कार्य करवा सकते हैं। जनता महापौर तक रोजाना नहीं पहुंच सकती है, इसलिए पार्षद ही महापौर को चुनेतो अच्छा है। महापौर बनने का अवसर आया तो जरूर बनूंगा। हर किसी की ख्वाहिश ऊंचाइयों पर जाने की होती है। आज वार्ड को आदर्श वार्ड बनाया हूं। यहां के कार्य को देखकर लोग बाहर करने के इच्छुक हैं। महापौर बनूंगा तो जैसे वार्ड को संवारा हूं वैसे पूरे शहर को संवारूंगा।