छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाला मामले में सीबीआई ने रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई समेत छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में छापेमारी की है। यह छापेमारी सीजीपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के तहत की गई है।
सीबीआई की टीम ने बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित कई जिलों में छापेमारी की। सीबीआई ने छापेमारी के दौरान बहुत सारे महत्वपूर्ण डिजिटल डेटा और दस्तावेज बरामद किए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिलासपुर में कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ल के स्थानों पर छापे मारे गए हैं। राजेंद्र शुक्ला का बेटा भी डिप्टी कलेक्टर चुना गया था।
वहीं सीबीआई की टीम ने राजभवन के पूर्व सचिव अमृत खलको के रायपुर के स्वर्णभूमि स्थित आवास पर छापेमारी की है। राजभवन के पूर्व सचिव के बेटे और बेटियों का भी छत्तीसगढ़ राज्य सेवा भर्ती परीक्षा 2021 में चयन हुआ था।
सीबीआई की इस कार्रवाई ने प्रदेश भर में हलचल मचा दी है और इससे सीजीपीएससी द्वारा कराए गए परीक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। अधिकारियों ने घोटाले की गहराई से जांच करने का आश्वासन दिया है और इस मामले में जल्द ही ठोस कदम उठाए जाने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ में सीजीपीएससी भर्ती में घोटाले को लेकर अब तक दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव, परीक्षा नियंत्रक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में यह मामला दर्ज किया गया है। शासन ने भी सीजीपीएससी की परीक्षा में गड़बड़ी की जांच के लिए केस दर्ज किया है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा 2021 के अंतर्गत 170 पदों की चयन सूची 11 मई 2023 को जारी की गई थी। इसमें टॉप-15 नामों में भाई-भतीजावाद का आरोप लगा है। 17 मई को भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर पीएससी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी।