भोरमदेव अभयारण्य, जो छत्तीसगढ़ के कान्हा और अचानकमार के बीच स्थित है, जल्द ही टाइगर रिजर्व के रूप में घोषित किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण पहल का श्रेय रायपुर से भाजपा के सांसद बृजमोहन अग्रवाल को जाता है। उन्होंने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से इस क्षेत्र को टाइगर रिजर्व घोषित करने की मांग की थी।
इस कदम के तहत, राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने छत्तीसगढ़ सरकार को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। भोरमदेव अभयारण्य पहले से ही कान्हा टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, और इसके टाइगर रिजर्व में तब्दील होने से बाघों और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इस क्षेत्र के टाइगर रिजर्व बनने से कान्हा-अचानकमार कारीडोर को भी मजबूती मिलेगी, जिससे बाघों के लिए सुरक्षित आवागमन संभव हो पाएगा।
आगे पढ़ेइसके अलावा, भोरमदेव अभयारण्य का टाइगर रिजर्व बनने से स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और पर्यटन के अवसर बढ़ेंगे। इससे राज्य के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा और वन्यजीव संरक्षण को नई दिशा मिलेगी।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि यह निर्णय छत्तीसगढ़ के वन्यजीव संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन, और सतत विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
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