पिछले दो सालों में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में मलेरिया से एक दर्जन स्कूली बच्चों की मौत हो चुकी है। नक्सल प्रभावित जिले में 34 पोर्टा केबिन और 184 आश्रम छात्रावास हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बैगा आदिवासियों की मौत के जांच के निर्देश दिए हैं।
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में मलेरिया जानलेवा हो गया है। तीन दिनों के भीतर दो छात्राओं ने दम तोड़ा है। 200 से अधिक पीड़ित विद्यार्थी अलग-अलग स्वास्थ्य संस्थानों में भर्ती हैं। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल सोमवार को बीजापुर में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति तथा मौसमी व जलजनित बीमारियों से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
संगमपल्ली पोर्टा केबिन में रहकर पढ़ाई करने वाली तीसरी की छात्रा वैदिका जव्वा (9) कुछ दिनों से बीमार थी। पोर्टा केबिन में इलाज चल रहा था। शनिवार को उसकी मौत हो गई। इससे पहले गुरुवार को कन्या आवासीय आश्रम तारलागुड़ा में कक्षा दूसरी की छात्रा नौ वर्षीय दीक्षिता की मलेरिया से मौत हुई थी।
पिछले दो सालों में बीजापुर में मलेरिया से एक दर्जन स्कूली बच्चों की मौत हो चुकी है। नक्सल प्रभावित जिले में 34 पोर्टा केबिन और 184 आश्रम छात्रावास हैं। सीएमएचओ डा. बीआर पुजारी का कहना है कि आश्रम छात्रावासों और पोर्टा केबिन में बच्चों की जांच के लिए 70 टीमें बनाई गई हैं।