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Friday, December 27, 2024

बजट में दवा कारोबारियों की मांग, फार्मा पार्कों की स्थापना हो

दबा के ऑनलाइन बिक्री के चलते बाजार में ऐसी दवाइयां भी बिक रही है, जो प्रतिबंधित रहती है, लेकिन ऑनलाइन कंपनियों पर कोई प्रतिबंध न होने के कारण ये दवाएं आसानी बिक जाती है। इसके साथ ही इन कंपनियों के चलते छोटे दवा कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

किसी भी देश की तरक्की में फार्मास्युटिकल सेक्टर का बड़ा योगदान है। फार्मास्युटिकल सेक्टर जितना ज्यादा मजबूत होगा, देश की आम जनता के साथ ही सरकार को भी उतना ही फायदा होगा। यह सेक्टर में 23 जुलाई को पेश होने वाले केंद्रीय बजट को लेकर उम्मीदों से भरा हुआ है। इस सेक्टर के जानकारों का कहना है कि अभी फार्मा इंडस्ट्री कई प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस इंडस्ट्री के स्टेक होल्डर्स को नीतिगत उपायों और इंसेंटिव्स से काफी उम्मीदें है। केंद्रीय बजट को लेकर भी एक अभियान शुरू किया गया है और इसी क्रम में आज फार्मास्युटिकल सेक्टर के विशेषज्ञों से इस बारे में पूछा गया कि उन्हें बजट को लेकर क्या उम्मीदें है।

मिले प्रोत्साहन तो बनेगी बात

कोई भी फार्मा इंडस्ट्री इनोवेशन और ग्लोबल कंपटीशन के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट पर काफी निर्भर करता है। इस सेक्टर के स्टेकहोल्डर्स को उम्मीद है कि सरकार रिसर्च व डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करेगी और इसके लिए टैक्स में राहत देगी। साथ ही सब्सिडी की भी उम्मीद की जा रही है। इससे स्वदेशी मेडिसिन के बारे में रिसर्च और डेवलपमेंट प्रोत्साहित होगा तथा इंडस्ट्री की कैपेसिटी बढ़ेगी बल्कि भारत इनोवेशन केंद्र के तौर पर भी स्थापित होगा।

जानकारों का कहना है कि डेडिकेटेड फार्मा पार्कों की स्थापना से सहयोग को बढ़ावा को मिल सकता है। साथ ही बुनियादी ढांचे में वृद्धि हो सकती है और रेगुलेटरी प्रोसेस को सिस्टमैटिक किया जा सकता है। इंडस्ट्री ऐसे पार्कों के निर्माण को प्रोत्साहित करने, मैन्युफैक्चरिंग और रिसर्च के लिए फेवरेबल इनवायरमेंट को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहयता दिए जाने की भी उम्मीद है। इसका फायदा भी सभी को होगा।

रायपुर डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के अध्यक्ष ठाकुर राजेश्वर सिंह ने कहा कि सरकार को चाहिए कि दवा कारोबार से ऑनलाइन पर तो पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दे। ऑनलाइन के चलते इन दिनों बाजार में ऐसी दवाइयां भी बिक रही है, जो प्रतिबंधित रहती है, लेकिन ऑनलाइन कंपनियों पर कोई प्रतिबंध न होने के कारण ये दवाएं आसानी बिक जाती है। इसके साथ ही इन कंपनियों के चलते छोटे दवा कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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