रायपुर। राज्यपाल रमेन डेका ने आज मौसम विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। इसके प्रतिकूल प्रभावों का सामना करने के लिए हमें अधिक सक्षम और तैयार होना होगा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग इस वर्ष अपनी सेवाओं का 150वां वर्ष मना रहा है। इस विशेष अवसर पर न्यू सर्किट हाउस रायपुर के कन्वेंशन हॉल में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन राज्यपाल श्री डेका ने किया। इस कार्यक्रम में विभाग की सेवाओं की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मौसम विभाग की अथक सेवाओं के कारण आज हम प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन से जुड़े जोखिमों का बेहतर तरीके से सामना कर पा रहे हैं।
राज्यपाल ने बताया कि छत्तीसगढ़, जो विभिन्न फसलों और कृषि पद्धतियों के लिए जाना जाता है, मौसम विज्ञान के महत्व को समझता है। उन्होंने कहा, “हमारे किसानों को मौसम की सटीक जानकारी से बहुत सहायता मिलती है, जो छत्तीसगढ़ जैसे कृषि प्रधान राज्य में अत्यंत उपयोगी है।”
उन्होंने मौसम विभाग के पूर्वानुमान की सटीकता की सराहना की और कहा कि यह सुनामी, चक्रवात जैसी आपदाओं के दौरान जान-माल की हानि को कम करने में सहायक सिद्ध हुआ है। राज्यपाल ने रायपुर में स्थापित मौसम विज्ञान केंद्र की भी प्रशंसा की, जिसने राज्य स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक मौसम की जानकारी और पूर्वानुमान प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम में भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने विभाग की गतिविधियों पर प्रकाश डाला, जबकि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति प्रोफेसर गिरीश चंदेल ने मौसम विभाग के सहयोग से कृषि और किसानों के हित में किए गए कार्यों की जानकारी दी। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर की प्रमुख अधिकारी श्रीमती सामंति सरकार ने स्वागत उद्बोधन दिया।
इस अवसर पर मौसम विज्ञान विभाग के हितधारक, केंद्र और राज्य शासन के विभिन्न विभागों के अधिकारी, मौसम वैज्ञानिक, और विद्यार्थी भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग आने वाले वर्षों में अपने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करेगा और देश को मौसम और जलवायु सेवाओं में एक वैश्विक शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।