किसी को अगर पाचन संबंधी समस्या हो जाए, तो ये उसके लिए बड़ी परेशानी का सबब बन जाता है. पाइल्स या कहें बवासीर खासतौर पर किसी के लिए भी बहुत खराब हो सकता है. पाइल्स की ज्यादातर समस्या तब शुरू होती है, जब डाइट में फाइबर और पानी की कमी होने लगती है.
यदि किसी व्यक्ति को पाचन संबंधी समस्या होती है, तो वह बहुत मुश्किल हो सकती है। पाइल्स, या बवासीर, खासतौर पर किसी व्यक्ति को बहुत घातक हो सकता है। डाइट में फाइबर और पानी की कमी पाइल्स की अधिकांश समस्याओं का कारण बनती है। इससे कब्ज होता है और पाइल्स बढ़ते जाते हैं। पाइल्स का इलाज करने के लिए घर पर कई उपचार हैं। इसके अनुसार, केला खाना सबसे फायदेमंद विकल्पों में से एक है।
ताजे फलों और सब्जियों को पाचन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इन्हें खाने से आपका पाचन तंत्र और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है। पेट में भोजन नहीं पचने से भी बवासीर हो सकता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट्स कहते हैं कि केला कब्ज को दूर करने का एक प्रभावी फल है। कब्ज बवासीर का कारण है। ऐसे में, पाइल्स का इलाज करते समय केले का सही उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
कैसे करें केले का इस्तेमाल?
अगर किसी को लंबे समय से कब्ज है, तो इसकी वजह से उसके मलाशय और गुदा में नसों में सूजन आ जाती है, जो बवासीर का कारण बनते हैं. ऐसा होने पर उस व्यक्ति को काफी दर्द सहना पड़ता है. बवासीर यानी पाइल्स से निपटने के लिए घरेलू उपचार और मेडिकल ट्रीटमेंट दोनों ही उपलब्ध हैं. हालांकि, अगर आप अपनी डाइट को ठीक ढंग से बरकरार रखते हैं, तो इस समस्या से निपटा जा सकता है.
शरीर में पानी और फाइबर की मात्रा का होना बहुत जरूरी है. यही वजह है कि कब्ज से निपटने के लिए सबसे जरूरी फल केला होता है. इसमें नेचुरल लैक्सेटिव होते हैं, जो कब्ज को दूर भगाते हैं. अगर कोई बवासीर से परेशान है, तो वह केले का सेवन कर सकता है. इससे उसके पेट को आराम मिलेगा और मल त्यागना आसान हो जाएगा. इस दौरान दर्द का सामना भी नहीं करना पड़ेगा.
केले के भीतर कई सारे एंटीबायोटिक गुण भी होते हैं, जो बवासीर की वजह से प्रभावित हुए हिस्से में बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करते हैं. बवासीर से निपटने के लिए हमेशा पका हुआ केला खाना चाहिए. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने से पहले दो केले खाना और फिर फाइबर युक्त भोजन करना बवासीर से निपटने का सही तरीका है. इसके साथ ही भरपूर पानी पीना भी जरूरी है.