अकबर और बीरबल की कहानी आज भी बहुत लोकप्रिय है। दोनों की बहुत सी कहानियां आम लोगों को सिखाती हैं। हर कोई उनसे कुछ सीखता है।
पढ़िए एक ऐसी कहानी।
“एक बार राजा अकबर का दरबार लगा था,” चित्रलेखा, एक प्रसिद्ध कथा वाचक और आध्यात्मिक वक्ता ने कहा। बीरबल सभी मंत्रियों के साथ बैठा था। अकबर ने बीरबल को बार-बार परीक्षा दी। ऐसा करने में उन्हें खुशी मिली।
एकाएक अकबर ने बीरबल से कहा, “ऐसी लाइन बताओ, जिसे कोई इनसान सुख में पढ़ें, तो उसे दुख हो, और वहीं लाइन दुख में पढ़ें, तो उसे सुख मिले।”बीरबल ने कुछ देर सोचा फिर उत्तर दिया।
बीरबल ने कहा, “जहांपनाह, वो लाइन है- यह वक्त भी गुजर जाएगा।”बीरबल ने स्पष्ट किया कि यह लाइन भी उस आदमी के लिए है जिसका समय अभी खराब है। वह खुश होगा कि एक अच्छा समय जल्दी आने वाला है।
उन्होंने कहा, “इसी तरह, जिस व्यक्ति का अभी अच्छा वक्त चल रहा है, वह चिंतित होगा कि जल्द यह वक्त गुजर जाएगा और नहीं जानता कि आगे कैसे वक्त आएगा।”’
बीरबल की बात सुनकर अकबर खुश और सभी दरबारियों ने भी उनकी कुशाग्र बुद्धि की दाद दी।