कैलिफोर्निया का कॉलमा शहर एक अनोखी और रहस्यमय जगह है, जिसे ‘आत्माओं का शहर’ के नाम से जाना जाता है। यह छोटा सा शहर सिर्फ 1.9 वर्ग मील में फैला हुआ है, और इसकी जनसंख्या 2,000 से भी कम है, लेकिन यहां 17 कब्रिस्तानों में करीब 15 लाख लोग दफन हैं। इसका इतिहास एक अद्भुत यात्रा को दर्शाता है, जो सोने की खोज से लेकर बीमारियों की रोकथाम तक फैला हुआ है।
1. सोने की खोज और जनसंख्या विस्फोट
1848 में कैलिफोर्निया में सोने की खोज के बाद, हजारों लोग अमीर बनने के लिए इस राज्य की ओर दौड़े। सैन फ्रांसिस्को में जनसंख्या में अचानक वृद्धि हुई, और इसके साथ ही कब्रिस्तान भी भरने लगे। इस समस्या के समाधान के रूप में कॉलमा में शवों को दफनाने का सिलसिला शुरू हुआ, और 1887 में यहां पहला कब्रिस्तान स्थापित किया गया।
आगे पढ़े2. बीमारियों का खतरा और कब्रों का स्थानांतरण
1914 में, सैन फ्रांसिस्को के अधिकारियों ने फैसला लिया कि शहर के कब्रिस्तानों में मृतकों को दफनाना स्वास्थ्य के लिए खतरे का कारण बन सकता है। इस कारण सभी कब्रों को शहर से बाहर कॉलमा में स्थानांतरित किया गया। लगभग 1.5 लाख शवों को कॉलमा में लाया गया, जिससे यहां की कब्रों की संख्या बढ़ती चली गई।
3. ‘आत्माओं का शहर’
आज के समय में कॉलमा में 1,800 लोग रहते हैं, लेकिन यहां के कब्रिस्तानों में 15 लाख से ज्यादा लोग दफन हैं। इसका मतलब है कि इस शहर में हर एक जीवित इंसान के पीछे 833 मृतकों की लाशें हैं, जिससे इसे ‘आत्माओं का शहर’ कहा जाता है। यहां प्रसिद्ध हस्तियां जैसे लेवी स्ट्रॉस, ए.पी. जाननिनी और जोए डिमैगियो भी दफन हैं।
यह शहर एक अद्भुत और रहस्यमय इतिहास का हिस्सा है, जहां मृतकों की संख्या जीवितों से कहीं ज्यादा है, और यही इसकी पहचान है।
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