fbpx

Total Users- 595,114

Total Users- 595,114

Sunday, December 22, 2024

बच्चे को प्ले स्कूल भेजने की कर रहे हैं तैयारी, तो आपके काम आएंगे ये टिप्स

पैदा होने के कुछ साल तक बच्चा मां-बाप पर ही निर्भर होता है। उसका पहली बार खाना, चलना सब माता- पिता की देखरेख में ही होता है। 2-3 साल तब जब बच्चा खुद से चलना-फिरने और बोलने लगता है तो फिर चिंता शुरू होती है उसके स्कूल है। बहुत से पेरेंट्स खुद को थोड़ा रेस्ट देने के लिए बच्चे को स्कूल भेजना शुरू कर देते हैं। हालांकि बच्चों को स्कूल भेजने की सही उम्र क्या इस बात से बहुत लोग अनजान हैं। अगर आप भी अपने बच्चे को प्ले वे में भेजने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले कुछ जरूर बातें जान लीजिए।


प्ले स्कूल भेजने के फायदे
बच्चे को हम प्ले स्कूल में तब भेजते हैं, जब वह चलना, बात करना, दूसरों से संबंध बनाना और अन्य जरूरी बातें सीखते हैं। ऐसे में स्कूल में दूसरों बच्चों के साथ घुलने- मिलने से उनका विकास तेजी से होता है। वह घर से ज्याद स्कूल में बोलना और शब्दों को पहचनना सीखते हैं। प्ले स्कूल में उन्हें तरह-तरह के खेल और एक्टिविटी को करने और चीजों से खेलने का मौका मिलता है।


बच्चे को स्कूल भेजने की यह उम्र है सही
ध्यान रखें कि पेरेंट्स को अपने बच्चे को प्ले स्कूल तभी भेजना चाहिए, जब वह इसके लिए तैयार हो। ढाई साल से साढ़े तीन साल की उम्र के बच्चे बोलने और अपनी बात समझाने में सक्षम होते हैं। इस उम्र में उन्हें स्कूल भेजा सकता है, हालांकि हर बच्चा अलग होता है इसलिए उनकी ग्रोथ के हिसाब से ही कोई फैसला लें। बहुत छोटे बच्चे को प्ले स्कूल भेजने से उनका विकास अच्छे से नहीं हो पाता।


स्कूल भेजने के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
अगर स्कूल यनिफॉर्म है, फिर तो कोई झंझट नहीं। अगर नहीं है तो रोजाना बच्चे को साफ- सुथरी ड्रेस पहनाकर भेजें। चूंकि बच्चा अभी छोटा है, तो बैग में नैपकिन जरूर रखें ताकि हाथ गंदे होने पर वह साफ कर पाए। हो सके तो एक ड्रेस भी उसके साथ भेज दें ताकि खराब होने पर उसे बदल दिया जाए।


बच्चे के लिए नींद बेहद जरुरी
बच्चे के लिए 8 से 10 घंटे की नींद बेहद जरूरी है। इसलिए रात को उसे उसी हिसाब से सुलाएं। अगर उसकी नींद पूरी नहीं होगी, तो वह क्लास में उनींदा रहेगा और उसका ध्यान क्लास एक्टिविटीज में नहीं लग पाएगा।


बच्चों के बिहेवियर पर रखें नजर
बच्चे से उसके फ्रेंड्स के बारे में भी बातचीत करते रहें। इससे आपको पता चलता रहेगा कि आपका बच्चा किस तरह के फ्रेंड सर्कल में मूव कर रहा है और किन विषयों में इंटरेस्ट ले रहा है। बच्चों के बिहेवियर पर नजर रखें। अगर बच्चा किसी वजह से परेशान है, तो उस समय उसे समस्या को हल करने का सही तरीका बताएं।

More Topics

नाइजीरिया में खाद्य वितरण के दौरान हुई भगदड़ में 32 लोगों की जान चली गई

नाइजीरिया में खाद्य वितरण के दौरान हुई भगदड़ में...

“जानिए तिरंगा किसने बनाया था और इसका महत्व क्या है”

तिरंगा (भारतीय राष्ट्रीय ध्वज) को पिंगली वेंकैया ने डिजाइन...

कॉपर टी के संभावित नुकसान जो आपकी सेहत पर असर डाल सकते हैं

कॉपर टी एक प्रकार का गर्भनिरोधक उपकरण है जिसे...

Follow us on Whatsapp

Stay informed with the latest news! Follow our WhatsApp channel to get instant updates directly on your phone.

इसे भी पढ़े