सिंहगर्जनासन (Lion’s Roar Pose) को आयुर्वेद और योग में एक शक्तिशाली मुद्रा माना गया है, जो खर्राटों की समस्या को दूर करने में बेहद प्रभावी है। मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योगा के अनुसार, यह आसन सिंह की मुद्रा और गर्जना की नकल करता है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को विशेष लाभ मिलता है।
✨ सिंहगर्जनासन के प्रमुख लाभ
यह आसन गले की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और श्वसन तंत्र को खोलता है। इसके नियमित अभ्यास से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं:
| लाभ की श्रेणी | फायदे |
| गला और श्वसन तंत्र | गले की मांसपेशियों को मजबूत करता है, श्वसन तंत्र को खोलता है, खर्राटों की समस्या में राहत देता है। थायरॉइड, टॉन्सिल और सांस संबंधी विकारों में लाभदायक है। सीने की जकड़न दूर कर इम्यूनिटी बढ़ाता है। |
| मानसिक और भावनात्मक | तनाव, क्रोध और अनिद्रा (Insomnia) को दूर करता है। भावनात्मक संतुलन बनाए रखता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार करता है। |
| चेहरा और इंद्रियां | चेहरे की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जिससे चेहरे पर चमक आती है और समय से पहले झुर्रियां नहीं पड़तीं। गले, कान, नाक, आंख और मुंह की समस्याओं में राहत देता है। |
| वाणी | आवाज को मधुर और मजबूत बनाता है, हकलाहट में सुधार करता है। |
| नींद | रात में अच्छी नींद आती है। |
🧘♀️ अभ्यास की विधि (Technique)
सिंहगर्जनासन की अभ्यास विधि सरल है:
- मुद्रा: सबसे पहले वज्रासन मुद्रा में बैठें। इसके लिए घुटनों को फैलाकर बैठें, एड़ियां नितंबों के नीचे रखें और पैरों के अंगूठे एक-दूसरे को छूते हुए हों।
- हाथ: हाथों को घुटनों पर रखें या उंगलियां शरीर की ओर करके जमीन पर टिकाएं। रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
- दृष्टि और श्वास: ठोड़ी को दो-तीन इंच ऊपर उठाएं और भौहों के बीच की ओर देखें। इस दौरान नाक से गहरी सांस लें।
- गर्जना: सांस छोड़ते समय मुंह खोलें, जीभ को पूरी तरह बाहर निकालें और सिंह की तरह ध्वनि के साथ गर्जना करें।
- पुनरावृत्ति: इस प्रक्रिया को 5 से 10 बार दोहराना चाहिए।
- विश्राम: अभ्यास के बाद सामान्य सांस लें और आराम करें।
⚠️ आवश्यक सावधानियां
योग विशेषज्ञों के अनुसार, इस आसन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियां रखनी जरूरी हैं:
- चोट या दर्द: घुटनों, गले, चेहरे या जीभ में चोट या दर्द हो तो यह आसन न करें।
- उच्च रक्तचाप: हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग वाले मरीजों को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- गर्जना: गर्जना करते समय जोर न लगाएं, अन्यथा गले में खराश हो सकती है।
- अन्य: गर्भवती महिलाएं या कोई गंभीर बीमारी वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। शुरुआत में इसे योग प्रशिक्षक की देखरेख में ही करें।


