क्षेत्रीय अधिकारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई को जवाबदेही तय करना पड़ेगा !
स्वास्थ्य अधिकारी नगर पालिक निगम भिलाई की सभी गड़बडिय़ां अब सामने आ जायेगी ।
संक्रमण रहित व प्रमाणित मांस की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने की जिम्मेदारी स्पष्ट होंगी ।
पूरब टाइम्स, भिलाई . पिछले अनेक वर्षों से राधिका नगर भिलाई के कसाईखाने की अनियमितताएं अखबारों की सुर्खियों में रहीं हैं . एनजीटी (National Green Tribunal) ने भी इसकी कार्यशैली पर पहले नगर निगम भिलाई को नोटिस व करोड़ रुपये से अधिक की पेनाल्टी भी लगाई थी और मामले को न्यायालय में डालकर , नगर निगम भिलाई ने भुगतान में रोक भी लगवाई थी. उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया था जबकि पर्यावरण संरक्षण विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय भिलाई को इस पूरे मामले की देखरेख व निपटान की जिम्मेदारी थी. अब स्थानीय लोगों के विरोध से पुन: कसाईखाने की कार्यशैली व आंखों से दिखने वाला, पर्यावरण व स्वास्थ्य पर असर करने वाला मामला प्रकाश में आ गया है. साथ ही क्षेत्रीय अधिकारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, दुर्ग पर, ठेकेदार व नगर निगम, भिलाई पर कार्यवाही नहीं करने पर उंगलियां उठने लगी हैं. इसका कारण घूसखोरी है या किसी रसूखदार का दबाव है अथवा उक्त विभागीय प्रमुखों की कोताही है , यह तो वक़्त ही बतायेगा परंतु जनता में आक्रोश बढ़ रहा है और कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है. प्रदेश के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाने के लिये पूरब टाइम्स की एक रिपोर्ट .
लोकस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले नगम स्वास्थ्य अधिकारी की संरक्षक क्षेत्रीय अधिकारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई नहीं है क्या ?
दुर्ग, राजनादगांव, बालोद जिले के लोक स्वास्थ्य संरक्षण करने की सुनिश्चितता करना क्षेत्रीय अधिकारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई का पदेन कर्तव्य है. उल्लेखनीय है कि इस पदेन कर्तव्य में कसाईखाना पशुवध स्थल को अनुज्ञप्ति प्रदान करना और पशुवध स्थल के नियमित संचालन होने का अनुश्रवण करना सबसे महत्वपूर्ण कार्य है लेकिन भिलाई निगम क्षेत्र में संचालित राधिका नगर स्थित पशुवध स्थल विगत कई वर्षों से अनियमित तौर पर कार्यान्वित किए जाने के आरोपों के साथ प्रश्नांकित स्थिति में है. बावजूद इसके क्षेत्रीय अधिकारी पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई का इस मामले में खामोशी क्यों है ? यह तो उनकी प्रतिक्रिया आने पर पता चलेगा लेकिन वर्तमान प्रतिक्रियाविहीन स्थिति में एक बात तो तय है कि पर्यावरण मंत्री की छवि इस मामले में धूमिल हो रहीं है ।
उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ी के समक्ष प्रस्तुत स्लाटर हाउस राधिका नगर भिलाई प्रकरण में प्रस्तुत दस्तावेजिक प्रमाण की समीक्षा होगी तो क्या होगा ?
भिलाई का सबसे पुराना राधिका नगर स्थित पशुवध स्थल कई गड़बडिय़ों के साथ पुन: संचालित किया जाने वाला है परंतु क्षेत्रीय अधिकारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई ने स्थानीय लोगों को उनकी प्रतिक्रिया देने का अवसर देने के लिए आवश्यक जन सुनवाई नहीं करवाई है. जबकि पर्यावरण संरक्षण विधि स्थानीय लोगों को अपनी बात रखने का अवसर देती है और निगम अधिनियम इस बात की बाध्यता को सुनिश्चित करवाने का विधि निर्देश देता है कि पशुवध स्थल का अनुज्ञापन दिए जाने के पूर्व स्थानीय लोगों को सूचित किया जाय जिससे कि जन सुनवाई की व्यवस्था सुनिश्चित हो लेकिन क्षेत्रीय अधिकारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई ने जन सुनवाई किए जाने के इस लोकतांत्रिक अधिकार पर राधिका नगर स्थित पशुवध स्थल मामले में प्रशासकीय ठोकर मारकर पर्यावरण विधि निर्देश की अवमानना की है ।
सदस्य सचिव छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल ने क्या भिलाई के राधिका नगर कसाई खाने मामले की वस्तुस्थिति का संज्ञान लिया है ?
भिलाई के राधिका नगर स्थित पशुवध स्थल मामले में भिलाई के महापौर और एमआईसी स्वास्थ्य विभाग प्रभारी के साथ क्षेत्रीय अधिकारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई मिलकर गड़बड़ीपूर्ण व्यवहार कर रहे है जो कि भिलाई निगम और पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई कार्यालय के कार्यवाही के दस्तावेजों पर संज्ञान योग्य अभिलिखित स्थिति में है. जिसे विधिवत लेने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता मदन सेन ने आवेदन कर इस संबंध में एक संज्ञान शिकायत भी प्रस्तुत की है लेकिन क्या सदस्य सचिव छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल वाकई अपने पदेन कर्तव्यों को इस ज्वलंत मामले में अपनी प्राधिकृत जिम्मेदारी पूरा करेंगे यह आनेवाला समय बतायेगा ।
-दुर्ग संभाग के लोकस्वास्थ्य और पर्यावरण के विधि अपेक्षित संरक्षण के लिए आवश्यक है कि, क्षेत्रीय अधिकारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई के कार्यों की समीक्षा कि जाए क्योंकि संक्रमण और प्रदूषण रोकना की लिए विधि निर्देशित प्रशासकीय कार्यवाही प्रश्नांकित स्थिति में है और विधिक चुनौती दिए जाने की विषम परिस्थितियों को निर्मित कर रहीं है ।
अमोल मालुसरे सामाजिक कार्यकर्ता
-राधिकानगर स्थित पशुवध स्थल को नियमानुसार करवाने और इसका स्थानांतरण करने के लिए विगत कई वर्षों से स्थानीय लोग संघर्ष कर रहें है. मैने इस मामले में मा. उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ी में परिवाद किया था जिस पर संज्ञान लेकर प्रकरण दर्ज किया गया था इसमें क्षेत्रीय अधिकारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल भिलाई ने जो दस्तावेज, अभिलेख और साक्ष्य प्रस्तुत किए है उनके विषयवस्तु की विसंगतियों को पुन: विधिक चुनौती देने की पहल कर रहा हूं ।
मदन सेन सामाजिक कार्यकर्ता


