दिवाली जैसे खास मौकों और त्योहारों पर घर के मुख्य द्वार पर तोरण या बंदनवार लगाना केवल सजावट का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका वास्तु शास्त्र में भी विशेष महत्व बताया गया है। तोरण घर में सकारात्मकता और समृद्धि लाता है।
यहां हम आपको तोरण लगाने के फायदे और सूख जाने पर उससे जुड़े वास्तु नियम बता रहे हैं।
तोरण या बंदनवार लगाने के 3 बड़े फायदे
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: तोरण घर में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) का संचार बढ़ाता है और यह नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकता है।
- वास्तु दोष से राहत: घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाने से कई प्रकार के वास्तु दोषों से राहत मिल सकती है।
- सुख-शांति और समृद्धि: यह घर में सुख-शांति का माहौल बनाए रखता है, साथ ही घर के सदस्यों को अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
तोरण बनाने के लिए शुभ टिप्स
- शुभ पत्ते और फूल: तोरण बनाने के लिए आम के पत्तों और अशोक की पत्तियों का इस्तेमाल करना शुभ माना गया है। इसके साथ ही गेंदे के फूलों का प्रयोग भी किया जाता है।
- पत्तों की संख्या: वास्तु शास्त्र के अनुसार, तोरण बनाने के लिए आपको 5,7,11 या 21 पत्तों का इस्तेमाल करना चाहिए।
- चंदन से लिखें: सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए आम के पत्तों पर पीले या लाल चंदन से “शुभ लाभ” लिखना बहुत ही शुभ माना जाता है।
तोरण सूखने के बाद क्या करें?
तोरण को बहुत दिनों तक लगाए रखना सही नहीं माना जाता है। वास्तु के अनुसार:
- कब उतारें: जब तोरण की पत्तियां सूख जाएं, तो इसे तुरंत उतार लेना चाहिए। इसके बाद अगले शुभ मौके या त्योहार पर नया तोरण लगाएं।
- फेंकने की गलती न करें: सूखे हुए तोरण को फेंकने की गलती बिल्कुल न करें, अन्यथा आपको नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।
- सही विसर्जन: सूखे तोरण को उतारकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें। अगर नदी उपलब्ध न हो, तो आप इसे किसी शुद्ध स्थान पर मिट्टी में भी दबा सकते हैं। इससे आप किसी भी दोष से बचे रहते हैं।


