वर्तमान में पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। 12 अप्रैल 2025 को वक्फ कानून के विरोध में हुई हिंसा ने न सिर्फ दो लोगों की जान ले ली, बल्कि प्रदेश की राजनीति को भी गरमा दिया। आखिर क्या है वक्फ एक्ट का विवाद और क्यों इसने राज्य में आग भड़का दी? आइए जानते हैं पूरी कहानी।
क्या हुआ मुर्शिदाबाद में?
12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के समसेरगंज थाना क्षेत्र के जाफराबाद इलाके में 74 वर्षीय हरगोबिंद दास और उनके 40 वर्षीय बेटे चंदन दास की उनके घर में बेरहमी से हत्या कर दी गई।
पुलिस के अनुसार, दोनों की लाशें घर के अंदर पड़ी मिलीं और उन्हें अस्पताल ले जाने पर मृत घोषित किया गया।
परिवार का आरोप है कि अज्ञात हमलावरों ने पहले लूटपाट की और फिर दोनों की हत्या कर दी।
पुलिस पर भी पथराव और हिंसा
- धुलियान इलाके में एक अन्य व्यक्ति को गोली लगी और वह अस्पताल में भर्ती है।
- इससे पहले 11 अप्रैल (शुक्रवार) को समसेरगंज और सुती में भी प्रदर्शन हिंसक हो गया था।
- पुलिस वाहनों को आग लगा दी गई, पथराव हुआ और कई इलाकों में तनाव फैल गया।
- अब तक 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
वक्फ कानून क्या है?
वक्फ (Waqf) एक्ट एक ऐसा कानून है जो मुस्लिम धर्म से जुड़ी संपत्तियों और संस्थाओं के प्रबंधन से संबंधित है।
भारत में वक्फ संपत्तियाँ आमतौर पर धर्मार्थ कार्यों, मस्जिदों, कब्रिस्तानों, मदरसों आदि के लिए दान की जाती हैं।
वक्फ एक्ट 1995 और नए बदलाव
- वक्फ एक्ट 1995 के तहत एक वक्फ बोर्ड बनाया गया जो वक्फ संपत्तियों का रिकॉर्ड रखता है।
- केंद्र सरकार ने हाल ही में इस कानून में कुछ संशोधन किए हैं, जिसमें संपत्ति के प्रबंधन को लेकर नए प्रावधान जोड़े गए हैं।
विवाद क्यों?
विरोध करने वालों का कहना है:
- यह कानून मुस्लिम धार्मिक संस्थाओं की स्वायत्तता को कमजोर करता है।
- सरकार को इतनी शक्ति देना कि वो वक्फ संपत्तियों की निगरानी और हस्तक्षेप करे, धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।
सरकार का पक्ष:
- केंद्र का दावा है कि यह कानून वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी और ईमानदार प्रबंधन के लिए जरूरी है।
- इससे फर्जीवाड़ा रुकेगा और संपत्तियों का सही उपयोग होगा।
ममता बनर्जी का बयान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स (Twitter) पर कहा:
“यह कानून हमारी सरकार ने नहीं बनाया। केंद्र सरकार से पूछें कि उन्होंने ऐसा कानून क्यों बनाया? हम इसका विरोध करते हैं और इसे बंगाल में लागू नहीं होने देंगे। फिर यह हिंसा क्यों?”
उन्होंने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की और चेतावनी दी कि “जो भी दंगा करेगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
निष्कर्ष: क्या है आगे का रास्ता?
- बंगाल में वक्फ कानून को लेकर जनता, सरकार और केंद्र के बीच स्पष्ट संवाद की कमी दिख रही है।
- जब तक लोगों को पारदर्शी तरीके से कानून की व्याख्या नहीं की जाती, ऐसे संदेह और अफवाहें हिंसा को जन्म देती रहेंगी।
- सरकार और समाज दोनों को मिलकर शांति, जागरूकता और समझदारी से आगे बढ़ना होगा।