छत्तीसगढ़, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, जहां कई महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल स्थित हैं। यहां हिंदू, जैन, बौद्ध और अन्य धर्मों के अनुयायियों के लिए अनेक पवित्र स्थान हैं। निम्नलिखित प्रमुख तीर्थ स्थलों की जानकारी प्रस्तुत है:
1. डोंगरगढ़ (बम्लेश्वरी देवी मंदिर): राजनांदगांव जिले में स्थित यह मंदिर मां बम्लेश्वरी को समर्पित है। यहां नवरात्रि के दौरान विशेष मेले का आयोजन होता है, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।
2. राजिम (राजीव लोचन मंदिर): महासमुंद जिले में महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के संगम पर स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार राजीव लोचन को समर्पित है। यहां प्रतिवर्ष ‘राजिम कुंभ’ का आयोजन होता है, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है।
3. सिरपुर: महासमुंद जिले में स्थित सिरपुर एक प्राचीन बौद्ध स्थल है, जहां बौद्ध विहार, मंदिर और स्तूप के अवशेष पाए गए हैं। यह स्थान बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
4. चंपारण: यह स्थान वल्लभाचार्य जी की जन्मभूमि के रूप में प्रसिद्ध है, जो पुष्टिमार्ग के प्रवर्तक थे। यहां उनका जन्मस्थान और मंदिर स्थित है, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।
5. शिवरीनारायण: जांजगीर-चांपा जिले में महानदी के तट पर स्थित यह स्थान भगवान नारायण को समर्पित है। यहां माघ पूर्णिमा के अवसर पर मेला आयोजित होता है, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण है।
6. दंतेवाड़ा (दंतेश्वरी मंदिर): यह मंदिर मां दंतेश्वरी को समर्पित है और बस्तर क्षेत्र का प्रमुख धार्मिक स्थल है। दशहरा के अवसर पर यहां विशेष आयोजन होते हैं, जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।
7. रतनपुर (महामाया देवी मंदिर): बिलासपुर जिले में स्थित यह मंदिर मां महामाया को समर्पित है। यहां नवरात्रि के दौरान विशेष मेले का आयोजन होता है, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।
8. मल्हार: यह स्थान प्राचीन शिव मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, जहां ‘पातालेश्वर’ और ‘देउरी मंदिर’ स्थित हैं। यहां पुरातात्विक महत्व की अनेक मूर्तियां और अवशेष पाए गए हैं।
9. ताला (देवबलौदा): बिलासपुर जिले में स्थित यह स्थान प्राचीन शिव मंदिरों और जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की मूर्तिकला और वास्तुकला विशेष आकर्षण का केंद्र है।
10. बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य: महासमुंद जिले में स्थित यह अभयारण्य न केवल वन्यजीव प्रेमियों के लिए बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां ‘लक्ष्मण झूला’ और अन्य धार्मिक स्थल स्थित हैं।
इन तीर्थ स्थलों के अलावा, छत्तीसगढ़ में कई अन्य धार्मिक स्थल भी हैं जो राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को समृद्ध बनाते हैं।