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Monday, March 10, 2025
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IPS अंशिका वर्मा: संघर्ष, सफलता और प्रेरणा की कहानी

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा पास करना देश की सबसे कठिन चुनौतियों में से एक मानी जाती है। हर साल हजारों अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल होते हैं, लेकिन केवल कुछ ही उम्मीदवार IAS, IPS या IFS अधिकारी बनने का सपना साकार कर पाते हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक प्रेरणादायक शख्सियत IPS अंशिका वर्मा की कहानी बताने जा रहे हैं, जो न केवल कड़ी मेहनत और संघर्ष का प्रतीक हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि यदि इरादा पक्का हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।

इंजीनियर से आईपीएस बनने का सफर

अंशिका वर्मा, जो उत्तर प्रदेश कैडर की 2021 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं, अपने दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत की बदौलत इस मुकाम तक पहुंची हैं। खास बात यह है कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के अपने दूसरे प्रयास में UPSC परीक्षा पास की और अखिल भारतीय रैंक (AIR) 136 प्राप्त की। आज वह बरेली में एसपी (दक्षिणी) के पद पर तैनात हैं और लोग उन्हें ‘लेडी सिंघम’ के नाम से जानते हैं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

अंशिका वर्मा के प्रेरणादायक कार्यों को देखते हुए, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उनके कार्यों पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया और उन्हें ‘वुमेन आइकन अवार्ड’ से सम्मानित भी किया। उनकी सफलता न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

नोएडा से प्रयागराज तक का सफर

अंशिका वर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था, लेकिन उनकी प्रारंभिक शिक्षा नोएडा में हुई। उन्होंने गालगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, नोएडा से B.Tech (इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग) की डिग्री प्राप्त की। 2018 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने UPSC की तैयारी के लिए प्रयागराज का रुख किया और बिना किसी कोचिंग के 2020 UPSC CSE में शानदार सफलता हासिल की।

पारिवारिक समर्थन और संघर्ष

अंशिका वर्मा का मानना है कि सही दिशा और मजबूत इरादों के साथ कोई भी सफलता पाई जा सकती है। उनके पिता उत्तर प्रदेश बिजली निगम लिमिटेड (UPEL) से सेवानिवृत्त हैं, जबकि उनकी मां एक गृहिणी हैं। उनके परिवार का हमेशा से यही मानना था कि शिक्षा और मेहनत से कोई भी ऊंचाइयों को छू सकता है।

सोशल मीडिया पर भी लोकप्रिय

अंशिका वर्मा सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं और उनके इंस्टाग्राम पर 2.44 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। वह अक्सर अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी से जुड़ी पोस्ट साझा करती हैं, जो युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनती हैं।

सीखने योग्य बातें

  1. कोशिश जारी रखें – अंशिका ने अपने पहले प्रयास में असफलता मिलने के बाद भी हार नहीं मानी और अपने दूसरे प्रयास में शानदार सफलता पाई।
  2. कोचिंग जरूरी नहीं, आत्म-अध्ययन से भी सफलता मिल सकती है – उन्होंने बिना कोचिंग के UPSC पास कर यह साबित किया कि स्मार्ट स्टडी और सही रणनीति ही सबसे महत्वपूर्ण है
  3. कड़ी मेहनत और समर्पण ही सफलता की कुंजी है – अंशिका की सफलता दिखाती है कि मेहनत और लगन से कोई भी कठिन लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

निष्कर्ष

अंशिका वर्मा की कहानी न केवल सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए, बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने यह साबित किया है कि सच्ची मेहनत, धैर्य और आत्म-विश्वास से कोई भी कठिनाई पार की जा सकती है

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