नई दिल्ली, 17 फरवरी: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कुछ सलाहकारों द्वारा दिए गए भारत विरोधी बयानों को “बिल्कुल हास्यास्पद” करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बांग्लादेश को यह तय करना होगा कि वह भारत के साथ किस तरह का संबंध चाहता है।
शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय साहित्य महोत्सव में एक सत्र के दौरान जयशंकर ने बांग्लादेश से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, “हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। बांग्लादेश के साथ हमारा एक लंबा और खास इतिहास है, जो 1971 से चला आ रहा है।”
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता
डॉ. जयशंकर ने बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति के दो पहलुओं पर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमलों की बढ़ती घटनाएं भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा, “यह एक ऐसा मुद्दा है जो हमारी सोच को प्रभावित करता है और हमें इस पर अपनी आवाज उठानी चाहिए, जो हमने किया भी है।”
इसके साथ ही, उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की भारत विरोधी बयानबाजी पर नाराजगी जताते हुए कहा, “हम ऐसे संदेश और संकेत नहीं देखना चाहेंगे जो लगातार भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण हों।”
आगे पढ़ेविदेश मंत्रालय ने भी जताई आपत्ति
इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी अंतरिम सरकार के सलाहकारों द्वारा दिए गए भारत विरोधी बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने शुक्रवार को कहा, “हमने इन टिप्पणियों पर ध्यान दिया है और यह निश्चित रूप से मददगार नहीं हैं। यह संबंधित व्यक्तियों पर निर्भर करता है कि वे अपने बयानों के निहितार्थों पर विचार करें।”
गौरतलब है कि 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाकर, सेना समर्थित अंतरिम सरकार का गठन किया गया था। इस सरकार के गठन के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव देखा जा रहा है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के भारत विरोधी रुख से दोनों देशों के संबंधों में खटास आ सकती है। जयशंकर का यह कड़ा बयान यह संकेत देता है कि भारत इन घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है और वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने को तैयार है।
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