यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) ने शुक्रवार को ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। उनके खिलाफ फर्जी पहचान पत्र से सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
इसके अलावा, पूजा का कारण बताने के लिए एक नोटिस भी जारी किया गया है। ये उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने और परीक्षा देने से रोकने से जुड़ा है। साथ ही, आयोग ने आपकी उम्मीदवारी क्यों नहीं रद्द कर दी जाए?
आयोग ने अपने बयान में कहा है कि सिविल सेवा परीक्षा-2022 के लिए चयनित पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के मामले में हमने विस्तृत जांच की है. इसमें पता चला है कि पूजा खेडकर ने अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, अपनी तस्वीर, हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर पहचान छिपाई. आइए जानते हैं कि यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) ने और क्या कहा है.
- यूपीएससी ने पूजा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. इसमें एफआईआर दर्ज करके आपराधिक केस चलाना भी एक एक्शन है. साथ ही सिविल सेवा की उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसमें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित करना और चयन को रद्द करना शामिल है.
- यूपीएससी अपने संवैधानिक जनादेश का कड़ाई से पालन करता है. यूपीएससी ने निष्पक्षता और नियमों के सख्त पालन के साथ सभी परीक्षा प्रक्रियाओं की पवित्रता और अखंडता बनाए रखी है.
- यूपीएससी को उम्मीदवारों का विश्वास हासिल है. आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि उम्मीदवारों का ये विश्वास बना रहे और इससे कोई समझौता न किया जाए.
2023 बैच की आईएएस अफसर पूजा पर ये आरोप
2023 बैच की आईएएस अफसर पूजा खेडकर पर हाल में पुणे में ट्रेनिंग के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगा था. साथ ही सिविल सेवा में चयन के लिए फर्जी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगा था. इसकी जांच के बाद ही आयोग ने उनके खिलाफ एक्शन लिया है.