नई दिल्ली। भाजपा के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने कर्नाटक में वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग से जुड़ी लोकायुक्त की 8 साल पुरानी दबी रिपोर्ट उजागर करने की मांग उठाई है। दावा है कि इस रिपोर्ट में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम होने के कारण ही सिद्धारमैया सरकार ने रिपोर्ट दबा रखी है। सिरोया ने वक्फ वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 से जुड़ी संसदीय कमेटी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल को पत्र देकर रिपोर्ट तलब करने की मांग की है। सिरोया के मुताबिक, लोकायुक्त की रिपोर्ट पटल में आने से बड़े राज खुलेंगे। सूत्रों के मुताबिक, कमेटी रिपोर्ट को तलब कर सकती है।
कर्नाटक से राज्यसभा लहर सिंह सिरोया ने दबाई गई लोकायुक्त रिपोर्ट पर जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल को उचित निर्णय लेने की अपील की। भाजपा सांसद ने कहा है कि कर्नाटक के पूर्व उप लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन आनंद ने रिपोर्ट तैयार कर मार्च 2016 में कर्नाटक सरकार को सौंपा गया। आखिर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया वक्फ संपत्तियों के आपराधिक दुरुपयोग और अतिक्रमण पर लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन आनंद की रिपोर्ट क्यों छिपा रहे हैं? उन्होंने कहा कि इस उच्चस्तरीय जांच में विस्तृत रूप से कर्नाटक में दशकों से वक्फ संपत्तियों के आपराधिक दुरुपयोग, कुप्रबंधन, अतिक्रमण का दस्तावेजीकरण किया गया है।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस ने क्यों जांच वापस ले लिया। अगर सरकार वक्फ कमेटियों को लेकर चिंतित थी तो उसने रातोंरात आयोग को क्यों भंग कर दिया? क्या इसलिए कि अगर रिपोर्ट सामने आई, तो कांग्रेस के बड़े नाम उजागर होंगे?